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सीकर का मौसम

Mohini Ekadashi 2025: भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की स्मृति में रखा जाने वाला पुण्यदायी व्रत

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सीकर का मौसम

Mohini Ekadashi 2025: 2025 में मोहिनी एकादशी के दिन भक्तगण व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना करेंगे। इस पावन दिन पर विशेष पूजा और आरती की जाएगी, साथ ही धार्मिक मंत्रों का जाप भी होगा।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
Updated: May 08, 2025 03:28 PM (IST)

Mohini Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। मोहिनी एकादशी भगवान विष्णु के मोहिनी रूप को समर्पित है, जब उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान देवताओं को अमृत प्रदान किया था। यह व्रत मोह-माया से मुक्ति दिलाकर पुण्य प्रदान करता है।

मोहिनी एकादशी 2025: तिथि एवं शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि आरंभ: 7 मई 2025, प्रातः 10:19 बजे
  • एकादशी तिथि समापन: 8 मई 2025, दोपहर 12:29 बजे
  • व्रत तिथि (उदया तिथि अनुसार): 8 मई 2025, गुरुवार

शुभ योग एवं मुहूर्त

  • नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी (रात्रि 9:06 बजे तक)
  • योग: हर्षण योग (दिनभर प्रभावी)
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:53 AM से 12:41 PM
  • अमृत काल: 1:03 PM से 2:50 PM

मोहिनी एकादशी व्रत विधि

प्रातःकाल की तैयारी

  1. ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  2. पीले वस्त्र धारण करें (भगवान विष्णु का प्रिय रंग)।
  3. व्रत का संकल्प लें एवं मन को शांत करें।

पूजन विधि

  1. एक स्वच्छ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
  2. पीले फूल, फल, पंचामृत, मिठाई एवं केला अर्पित करें।
  3. दीपक जलाकर धूप-अगरबत्ती से आरती करें।
  4. विष्णु सहस्रनाम या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  5. श्रीहरि की आरती गाएं।

श्री विष्णु आरती

ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

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जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा॥

जगदीश्वरजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥

मोहिनी एकादशी का फल

यह व्रत पापों का नाश करता है, मन को शुद्ध करता है तथा भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कराता है। श्रद्धापूर्वक व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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Bharti Sharma
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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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