Delhi High Court On Meta: फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की पेरेंट कंपनी मेटा इन दिनों कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसती जा रही है। मीडिया हाउस के पेज को ब्लॉक करने के मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मेटा कंपनी का काम करने का तरीका “सरकारी ऑफिस से भी बदतर” मालूम होता है। साथ ही मेटा को अपनी कार्यप्रणाली सुधारने की भी जरूरत है।
जानिए क्या है मामला?
मंगलवार यानी 30 अप्रैल को सीजे मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच ने मीडिया हाउस टीवी टुडे नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई की। बता दें, मीडिया कंपनी ने कहा है कि तीसरे पक्ष की शिकायत मिलने पर उनके इंस्टाग्राम पेज ‘हार्पर बाजार इंडिया’ को ब्लॉक किया गया है। हालांकि, किसी थर्ड पार्टी द्वारा शियाकत मिलने पर पेज को कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर ब्लॉक किया गया।
इसी मामले को लेकर मीडिया हाउस ने मेटा के खिलाफ याचिका दायर की और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 2021 (IT Act 2021) के नियम 3(1) (सी) की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है।
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मेटा सरकारी विभाग से भी बदतर
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा कि मेटा मीडिया कंपनी की याचिका का उचित जवाब देने में विफल रही है। साथ ही इस पर जोर देते हुए बेंच ने ये टिप्पणी की कि मेटा की कार्यप्रणाली एक सरकारी विभाग से भी बदतर है। साथ ही बेंच ने मेटा को अपनी कार्यप्रणाली सुधारने का कहा।
मेटा के वकील ने कहा
इस मामले को लेकर मेटा के वकील तेजस करिया ने पीठ को सूचित किया, हार्पर बाजार का इंस्टाग्राम पेज 3 कॉपीराइट स्ट्राइक के बाद ही ब्लॉक किया गया था। साथ ही वकील ने ये भी स्पष्ट रूप से कहा कि टीवी टुडे को मेटा की ओर से भेजा गया जवाब कोई अंतिम निर्णय नहीं है और हमें इस पर जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए।
बता दें, इस मामले की सुनवाई अभी जारी है। अभी तक मेटा की ओर से टीवी टुडे नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के पेज को अनब्लॉक नहीं किया गया है। हालांकि, अभ देखना है कि कोर्ट इस मामले को लेकर अंतिम फैसला क्या सुनाती है। आज भी इस मामले को लेकर सुनवाई जारी है।
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