GST Reform 2025: देश की टैक्स व्यवस्था में बड़ा फेरबदल करते हुए जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को ऐतिहासिक निर्णय लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं बैठक में 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर तीन नए वर्ग लागू करने पर सहमति बनी है। अब केवल 5%, 18% और 40% की दरें लागू होंगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा की कि 22 सितंबर से नया ढांचा लागू हो जाएगा।
क्या होगा सस्ता?
कपड़े और जूते: आम आदमी की जेब पर सबसे बड़ा असर इन्हीं पर पड़ेगा। पहले 12% टैक्स वाले इन उत्पादों पर अब सिर्फ 5% लगेगा।
दवाइयां और खाद्य सामग्री: रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें सस्ती हो जाएंगी, जिससे त्योहारों और खासतौर पर बिहार की छठ पूजा की तैयारियों में राहत मिलेगी।
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टेक्सटाइल और FMCG सेक्टर: कंपनियों को फायदा मिलने की उम्मीद है और उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में कमी आएगी।
किन पर बढ़ेगा बोझ?
लग्जरी कारें और महंगी बाइक्स: अब इन पर सीधे 40% टैक्स लगेगा, जिससे कीमतें और बढ़ेंगी।
सिन गुड्स (सिगरेट, शराब, गुटखा): इन पर भी सबसे ऊंची दर यानी 40% लागू होगी।
बिजली जैसी सेवाएं: सरकार ने साफ किया है कि कुछ सेवाओं पर टैक्स बढ़ सकता है, जिससे बिल महंगा हो सकता है।
राज्यों की चिंता और राजनीति
हालांकि केंद्र के इस फैसले पर विपक्षी राज्यों ने सवाल उठाए हैं। पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल ने मांग की है कि 40% टैक्स से मिलने वाला राजस्व राज्यों के खाते में जाए। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चेतावनी दी कि अगर मुआवजे की व्यवस्था नहीं हुई तो राज्यों की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है।
2017 में जीएसटी लागू करते वक्त केंद्र ने पांच साल तक नुकसान की भरपाई का वादा किया था, जो जून 2022 में खत्म हो गया। अब फिर से मुआवजे की मांग जोर पकड़ रही है।
आर्थिक असर
SBI रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, नए ढांचे से सरकार के राजस्व में 60,000 करोड़ से 1.1 लाख करोड़ रुपये तक की कमी आ सकती है। हालांकि औसत जीएसटी दर 11.6% से घटकर 9.5% हो जाएगी, जिससे महंगाई में 0.20% से 0.25% तक कमी की उम्मीद है।
क्या कहा सरकार ने?
सम्राट चौधरी के मुताबिक, “ये अब तक का सबसे बड़ा जीएसटी सुधार है। जनता को सस्ती चीजें मिलेंगी और लग्जरी उत्पादों व सिन गुड्स पर अधिक टैक्स से राजस्व की भरपाई होगी।”
वहीं, केंद्र ने कंपनियों को चेताया है कि टैक्स में कटौती का सीधा फायदा ग्राहकों को मिलना चाहिए, मुनाफाखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कुल मिलाकर, आवश्यक सामान और रोजमर्रा की चीजें सस्ती होने जा रही हैं, जबकि महंगी गाड़ियां और नशे से जुड़ी चीजें और ज्यादा महंगी पड़ेंगी।
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