Ad image
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

One Nation, One Election: ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के बाद अब कैसे होंगे भारत में चुनाव? मोदी सरकार की हरी झंडी, जानें इसके फायदे और नुकसान

°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

वन नेशन, वन इलेक्शन: मोदी सरकार का बड़ा कदम, चुनावों पर बनेगी एक नई व्यवस्था One Nation, One Election Bill: Cabinet Approves Proposal, Likely to be Presented in Parliament

FM Sikar
Written by: FM Sikar
4 Min Read

One Nation, One Election Latest News: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) की प्रणाली को लेकर एक अहम कदम उठाया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इस विधेयक को मंजूरी दे दी है, और यह विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य देश के विभिन्न चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। यानी लोकसभा चुनाव, राज्य विधानसभा चुनाव, और स्थानीय निकाय चुनाव (नगर निगम, पंचायत चुनाव) सभी एक ही समय पर होंगे।

Advertisements

एक देश एक चुनाव के लाभ:

  1. चुनाव खर्च में कमी: भारत में चुनावों पर भारी खर्च होता है। 2023 के लोकसभा चुनाव पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था। अगर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू होता है, तो सभी चुनाव एक साथ होंगे, जिससे बार-बार होने वाले चुनावों के खर्चे में भारी कटौती होगी।
  2. बार-बार आचार संहिता से मुक्ति: चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू हो जाती है, जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित होता है। अब केवल एक बार आचार संहिता लागू होगी, जिससे प्रशासनिक कार्यों में निरंतरता बनी रहेगी।
  3. सुरक्षा बलों पर कम दबाव: चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती होती है। यदि चुनाव एक साथ होंगे, तो सुरक्षा बलों पर काम का दबाव कम होगा।
  4. विकास कार्यों में तेजी: चुनावों के दौरान विकास कार्यों में रुकावट आ जाती है, क्योंकि आचार संहिता के दौरान कोई नई योजना लागू नहीं की जा सकती। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से विकास कार्यों में गति आएगी।

एक देश एक चुनाव के नुकसान:

  1. राज्य स्तर के मुद्दों का दबना: क्षेत्रीय दलों का मानना है कि इस व्यवस्था से राष्ट्रीय मुद्दों को ही प्राथमिकता मिलेगी, जबकि राज्य स्तर के मुद्दे दब सकते हैं। इससे राज्य के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  2. चुनाव परिणामों पर प्रभाव: एक साथ होने वाले चुनावों में यदि राष्ट्रीय पार्टी की लहर हो, तो यह राज्य चुनावों के परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
  3. राज्य सरकारों का मनमाना व्यवहार: कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इस व्यवस्था से राज्य सरकारों को अधिक शक्ति मिल सकती है, और वे अपनी मनमानी कर सकती हैं।
  4. वित्तीय बोझ: चुनाव आयोग ने अनुमान लगाया है कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू होने के बाद ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की खरीद के लिए लगभग ₹10,000 करोड़ की आवर्ती लागत आएगी, जो वर्तमान में किस्तों में खर्च होती है।

प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव का समर्थन किया है। उन्होंने 15 अगस्त 2024 को लाल किले से अपने भाषण में इस मुद्दे पर बात की और राजनीतिक दलों से इसे लागू करने का आग्रह किया। मोदी ने कहा था कि बार-बार चुनावों से देश के विकास में रुकावट आती है, और यह समय की आवश्यकता है कि हम इस दिशा में कदम बढ़ाएं। भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी इस प्रस्ताव को प्रमुखता से रखा था।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का प्रस्ताव भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, जिससे चुनाव प्रक्रिया के खर्चे और जटिलताओं में कमी आ सकती है, लेकिन इसके साथ ही कुछ राज्यों के विकास पर असर डालने का भी खतरा है।

Advertisements

यह भी जरूर पढ़ें...

Want a Website like this?

Designed & Optimized by Naveen Parmuwal
Journalist | SEO | WordPress Expert

Contact Me
हमें फॉलो करें
Share This Article

Latest News

Facebook

- Advertisement -
- Advertisement -
News in Image Share Link