Laddu Gopal Ji-हिंदू परिवारों में ज्यादातर लोग अपने मंदिरों में लड्डू गोपाल जी को विराजमान करते हैं और उनकी सेवा विधि विधान के साथ की जाती है l लड्डू गोपाल जी भगवान श्री कृष्ण का बाल रूप हैं इसलिए उनकी सेवा भी एक बच्चे की तरह ही की जाती है l ऐसा माना जाता है कि यह शुभ फलदायक है और इससे घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है l त्वदीयं वस्तु गोविंद तुभ्यमेव समर्पये l गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ll नाम का मंत्र बोलकर लड्डू गोपाल जी को भोग लगाया जाता है l इसका अर्थ है कि हे ईश्वर मेरे पास जो कुछ भी है वह आपका ही दिया हुआ है l लड्डू गोपाल जी को घर में स्थापित कराने के कुछ नियमों में रोजाना स्नान कराना, दिन में चार समय भोग लगाना, रोज पूजा अर्चना करना, झूला झुलाना आदि शामिल है l आज इस लेख में हम उनको शयन कराने के कुछ नियमों के बारे में बात करेंगे
लड्डू गोपाल जी को शयन कराने के नियम
• लड्डू गोपाल जी को दिन में दो बार, एक बार दोपहर के समय और दूसरी बार रात के समय, शयन कराने का नियम है l रात के समय शयन कराते वक्त आरती के बाद दूध का भोग लगाया जाता है l साथ ही उन्हें चांदी के बर्तन में भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है l इसके बाद लोरी गाते हुए झूला झुलाया जाता है l शयन के वक्त मंदिर का पर्दा बंद करने का नियम है l
यह भी जरूर पढ़ें...
• रात को 8 से 9 के बीच में लड्डू गोपाल जी की आरती कर लेनी चाहिए lसर्दियों के मौसम में लड्डू गोपाल जी को कंबल ओढाया जाता है l रात को बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही सोना चाहिए l कहते हैं कि लड्डू गोपाल जी की सेवा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं l घर में खूब खुशियां आती हैं l समृद्धि, धन और मान सम्मान में वृद्धि होती है l संतान सुख मिलने के साथ-साथ संतान का भविष्य भी उत्तम होता है l