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Jaipur News: अब जनाना अस्पताल नहीं, बोलिए माता यशोदा अस्पताल… याद कर लीजिए इन जगहों के नये नाम

Jaipur News: जयपुर में कुछ जगह के नाम बदले गए हैं। अब उन्हें नये नाम से जाना जायेगा। ऐसे में अगर आप जयपुर घूमने जा रहे हैं तो अब इन जगहों का नया नाम जरूर ध्यान रखें, ताकि आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी ना उठानी पड़े। jaipur news Remember the new names of these places if you visit jaipur rajasthan latest news

Rupali kumawat
Written by: Rupali kumawat - Sub Editor
3 Min Read

Jaipur News: जयपुर राजस्थान की राजधानी है। इसे गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता है। गुलाबी नगरी बहुत प्राचीन शहर है। यहाँ बहुत सी चीजें देखने लायक हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। परन्तु हाल ही में कुछ जगह के नाम बदले गए हैं। अब उन्हें नये नाम से जाना जायेगा। ऐसे में अगर आप जयपुर घूमने जा रहे हैं तो अब इन जगहों का नया नाम जरूर ध्यान रखें, ताकि आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी ना उठानी पड़े।

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शहर के इन सड़कों-स्थानों के नाम बदले गए

  • पांच बत्ती सर्किल से सिंहद्वार तक की सड़क का नाम बदलकर माता लीलावती मार्ग कर दिया गया है।
  • चांदपोल सर्किल का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि सर्किल कर दिया गया है। इस सर्किल पर अब महर्षि वाल्मीकि की 21 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
  • जनाना अस्पताल का नाम बदलकर माता यशोदा अस्पताल कर दिया गया है।
  • 4 नंबर डिस्पेंसरी से एनबीसी हसनपुर तक की सड़क का नाम बदलकर हरिपुरा मार्ग कर दिया गया है।
  • वार्ड 77 के परमानंद पार्क स्थित भवन का नाम श्री गुलाबचंद नावरिया भवन रखा गया है।

ये नये कार्य भी किये जायेंगे

इसके अलावा, सफाई कर्मचारियों के लिए निगम मुख्यालय में डिस्पेंसरी और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने का प्रस्ताव पारित किया गया है। साथ ही नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र द्वारा संचालित विद्यालयों के भवनों का जीर्णोद्धार करने और शिक्षा विभाग के माध्यम से हेरिटेज क्षेत्र के सभी विद्यालयों के बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन पुनः शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

जयपुर का भी पुराना नाम अलग था

जयपुर का पुराना नाम जयनगर था जयपुर को पहले अम्बावती और अंबिकापुर के नाम से भी जाना जाता था।  जयपुर की स्थापना 1727 में आमेर के कछवाहा शासक सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। मुगल सामंत जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा।

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क्यों पड़ा जयपुर का नाम गुलाबी नगरी?

जयपुर को गुलाबी नगरी इसलिए कहा जाता है क्योंकि साल 1876 में तत्कालीन ब्रिटिश जमींदार सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ़ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजा दिया था।

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रुपाली कुमावत पिछले कई वर्षों से लेखन क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनको हिंदी कविताएं, कहानियां लिखने के अलावा ब्रेकिंग, लेटेस्ट व ट्रेंडिंग न्यूज स्टोरी कवर करने में रुचि हैं। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से BADM में M.Com किया हैं एवं पंडित दीनदयाल शेखावाटी यूनिवर्सिटी से family law में LL.M किया हैं। रुपाली कुमावत के लेख Focus her life, (राजस्थान पत्रिका), सीकर पत्रिका, https://foucs24news.com, खबर लाइव पटना जैसे मीडिया संस्थानों में छप चुके हैं। फिलहाल रुपाली कुमावत 89.6 एफएम सीकर में बतौर न्यूज कंटेंट राइटर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
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