Odwara Encroachment Update: राजस्थान के जालोर जिला के ओडवाडा में अतिक्रमण (Jalore Encroachment) हटाने के मामले पर राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने फिर फैसला सुनाया है। जस्टिस विनीत माथुर ने आदेश ने प्रशासन को आदेश दिया है कि पहले दस्तावेजों को वेरिफाइड करें। इस जांच को पूरा करने तक हाईकोर्ट की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर रोक लगा दी गई है। लेकिन ओडवाडा अतिक्रमण को लेकर आगे क्या होगा, ये स्थिति अभी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई है।
ओडवाडा में अतिक्रमण पर अस्थाई रोक
इस संबंध में अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने बाबू सिंह व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा था, जालोर जिला प्रशासन ने बिना विधिक प्रक्रिया के ओडवाडा के मकानों पर बुलडोजर चलाया है। हालांकि, इस मामले को सुनने के बाद हाई कोर्ट की ओर से तुरंत रोक लगा दी गई है। ये अतिक्रमण हटाने पर अस्थाई रोक लगाई गई है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई भी हो सकती है।
70 मकानों पर चले बुल्डोजर
गुरुवार को ओडवाडा में करीब 7 जेसीबी और 200 से अधिक पुलिसकर्मी पहुंचे थे। वहां पर प्रशासन ने निशान लगाए हुए घरों पर जेसीबी चलाना शुरू किया। करीब 7 घंटे के भीतर वहां पर 70 मकान टूट कर बिखर गए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होने लगा। महिलाएं रोती-बिलखतरी रही अपने घरों को बचाने के लिए।
ओडवाडा अतिक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल
ओडवाडा में अतिक्रमण के वीडियो आने के बाद सोशल मीडिया पर प्रशासन को लेकर विरोध दिखा। ये मुद्दा करीब बीस घंटे तक ट्रेंड किया। कांग्रेस के नेता सचिन पायलट, वैभव गहलोत से लकर तमाम लोग इसमें बचाव के लिए कूद पड़े। तब जाकर हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का फैसला रोका है। हालांकि, अब आगे क्या होगा, ये प्रशासन की जांच के बाद पता चलेगा।