Odwara Encroachment Case: राजस्थान में 440 घरों पर बुल्डोजर चलाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओडवाडा (Odwara Encroachment Case In Hindi) गांव में कोहराम मचा है। जालोर जिला (Jalore Encroachment) का ये गांव छावनी में तब्दील हो गया है। वहीं, ओडवाडा निवासी घर बचाने के लिए रो-बिलख रहे हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। हालांकि, इस मामले को लेकर कांग्रेस राजस्थान की भजनलाल सरकार को घेर रही है। साथ ही इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा रहा है।
इस मामले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं जिसके बाद देश के कोने-कोने से इन गांव वालों के लिए आवाज उठ रही है। चलिए राजस्थान के ओडवाडा गांव के अतिक्रमण वाले मामले को विस्तार से समझते हैं (Jalore Encroachment In Rajasthan Explain In Hindi)।
करीब 400 से अधिक मकान तोड़ने का आदेश
जालोर जिला के ओडवाडा में अतिक्रमण हटाने का आदेश हाईकोर्ट की ओर से दिया गया है। यहां पर करीब 400 से अधिक कच्चे और पक्के मकान है। समझिए तो पूरा गांव यहां पर बसा हुआ है। मगर जानकारी के मुताबिक जिस जगह पर लोग बसे हैं वो चारागाह की जमीन है। इसलिए अतिक्रमण को हटाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है। बता दें, हाई कोर्ट ने 7 मई को चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे।
ओडवाडा चारागाह जमीन की कहानी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओडवाडा चारागाह जमीन की कहानी करीह 3 साल पहले प्रशासन तक पहुंची। ओडवाडा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित ने मीडिया को बताया कि करीब 3 साल पहले गांव के निवासी मुकेश पुत्र मुल्ल सिंह राजपुरोहित और महेन्द्र सिंह पुत्र बाबू सिंह राजपुरोहित के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हाईकोर्ट तक पहुंचा था। इसके बाद जमीन की नापी हुई तो करीब 440 मकान चारागाह भूमि में पाए गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश से 2022 और 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटाए गए थे। अब कोर्ट के आदेश पर 150 से अधिक कच्चे मकान और करीब 160 बाड़े को हटाने के लिए गांव में मकानों को चिह्नित किया गया था।
“कार्रवाई मत कीजिए, हम कहां जाएंगे”
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— Pankaj Mishra (@PankajM85357969) May 16, 2024
ओडवाडा अतिक्रमण हटाने के दौरान कई लोगों ने हाथ जोड़कर कहा कि कार्रवाई मत कीजिए, हम कहां जाएंगे। कई महिलाएं बिलख रही हैं। जिनके वीडियो आप देख सकते हैं। इस दौरान कई विरोध भी कर रहे हैं। इन लोगों को समर्थन देने के लिए स्थानीय नेता भी गांव में पहुंचे हैं।
ओडवाडा हुई छावनी में तब्दील
करीब कुछ घंटों के बाद ओडवाडा गांव की तस्वीर छावनी में बदलती दिख रही है। यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। कुछ घरों को तोड़ा गया है तो वहीं, कुछ घरों को तोड़ने के इंतजार में बुल्डोजर खड़े दिख रहे हैं। बता दें, इन घरों को तोड़ने के लिए टीम सात जेसीबी लेकर पहुंची है।
सचिन पायलट ने ओडवाडा पर लिखा है
जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं।
ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के… pic.twitter.com/AT910NBrEK
— Sachin Pilot (@SachinPilot) May 16, 2024
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ओडवाडा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की निंदा की है। साथ ही पुलिस-प्रशासन पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे ने कहा
आहोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 घरों को तोड़ा जा रहा है जबकि ये परिवार वर्षों से रहते आये हैं। प्रशासन इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था। मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव…
— Vaibhav Gehlot (@VaibhavGehlot80) May 16, 2024
जालोर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी इस मामले को लेकर आगे आए हैं। वैभव गहलोत ने कहा है कि इस मामले को लेकर सु्प्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहे हैं।