Phalodi Road Accident: राजस्थान के फलौदी में हुए भयावह सड़क हादसे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा पर गंभीर चिंताएँ जताईं हैं। इस हादसे में तीर्थयात्रियों से भरा एक टेंपो ट्रैवलर एक खड़े ट्रक से टकरा गया था, जिसमें 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को जल्द से जल्द एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें सभी ढाबों और होटलों की कानूनी स्थिति का विवरण होगा।
राजमार्ग सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने इस मामले को राष्ट्रीय राजमार्गों पर बढ़ती दुर्घटनाओं का संकेत मानते हुए NHAI को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि टोल वसूलने के बावजूद सड़कों की हालत इतनी खराब क्यों है और इन अवैध ढाबों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अवैध ढाबे और अनधिकृत पार्किंग सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रहे हैं।
Supreme Court has taken suo moto cognisance of a road accident in Rajasthan’s Phalodi where a tempo carrying pilgrims hit a stationary truck, killing 15 people.
AdvertisementWhile hearing the matter today, the Supreme Court directed the NHAI to submit a report explaining how dhabas along… pic.twitter.com/MSPyLcdSPu
— ANI (@ANI) November 10, 2025
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राज्य सरकारों को भेजे कड़े निर्देश
राजस्थान के मुख्य सचिव को भी पक्षकार बनाते हुए कोर्ट ने उनसे अलग से स्थिति रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि सरकार सड़क सुरक्षा के इस मुद्दे पर पूरा सहयोग करेगी। कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को भी इस मामले में जोड़ते हुए राष्ट्रीय स्तर की नीति बनाने की बात कही है।
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हादसों पर राष्ट्रीय नीति की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले और हैदराबाद-बीजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाल ही में हुई दुर्घटनाओं का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि ये घटनाएं दिखाती हैं कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा का कोई समन्वित तंत्र नहीं है। कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एस. नाडकर्णी को न्याय मित्र नियुक्त किया है, जो तकनीकी और कानूनी सुझाव देंगे।
NHAI पर सवाल और चेतावनी
कोर्ट ने NHAI से पूछा कि टोल के नाम पर हजारों करोड़ रुपये वसूलने के बावजूद सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा उपाय क्यों नहीं किए जा रहे। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर दो हफ्ते में संतोषजनक रिपोर्ट नहीं आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अवैध ढाबे और ट्रक पार्किंग सड़क सुरक्षा में बड़ी बाधा के रूप में उभरे हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है।
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