Ad image
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी पर विष्णु, शिव और मंगल देव की पूजा से पापों का नाश और मोक्ष प्राप्ति का योग

°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

Aja Ekadashi: अजा एकादशी व्रत करने से पापों का नाश होता है, इस बार भगवान विष्णु और मंगल देव की विशेष पूजा का शुभ योग बना है।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
3 Min Read

Aja Ekadashi 2025: भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यह एकादशी 19 अगस्त, मंगलवार को है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ शिव जी और मंगल देव की पूजा का विशेष योग बन रहा है। शास्त्रों में इस एकादशी को पापनाशिनी तिथि कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन के पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी का महत्व स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में वर्णित है, जो भक्तों को जन्म और मरण के बंधनों से मुक्त करता है। आइए जानते हैं इस एकादशी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

Advertisements

शुभ मुहूर्त जानकारी (Shubh Muhurt Jankari)

तिथि शुरुआत – 18 अगस्त, रात 09:30 बजे

तिथि समाप्ति – 19 अगस्त, रात 11:15 बजे

Advertisements

यह भी जरूर पढ़ें...

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:30 बजे से 05:15 बजे तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02:45 बजे से 03:30 बजे तक

Advertisements

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:45 बजे से 07:05 बजे तक

निशिता काल – रात 11:45 बजे से 12:30 बजे तक

Advertisements

क्यों खास है यह एकादशी?

अजा एकादशी का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यह भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करने का दिन है। इस तिथि को पापनाशिनी कहा जाता है, जिससे व्यक्ति के जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन का व्रत और पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो जीवन के चक्र से मुक्ति दिलाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

पूजा विधि और उपाय

अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ शिव जी और मंगल देव की विशेष पूजा की जाती है। शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, लाल फूल और लाल गुलाल चढ़ाना चाहिए। साथ ही, लाल मसूर की दाल का दान करना शुभ माना गया है। मंगल ग्रह के दोष को दूर करने के लिए “ऊँ भों भौमाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा भी विशेष फलदायी होती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

Want a Website like this?

Designed & Optimized by Naveen Parmuwal
Journalist | SEO | WordPress Expert

Contact Me
हमें फॉलो करें
Share This Article
Bharti Sharma
Sub Editor
Follow:
भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
News in Image Share Link