मनाली में स्थित अंजनी महादेव मंदिर के बारे में तो आपने सुना ही होगा। यह मंदिर अपनी सुन्दरता और जिस जगह पर यह स्थित है, इसके लिए काफी जाना जाता है। प्रकृति के बीचों बीच यह मंदिर स्थित है और इसकी सुंदरता किसी का भी मन मोह सकती है। इस मंदिर में बने शिवलिंग का जलाभिषेक भी स्वयं प्रकृति ही करवाती है। इसमें जल अभिषेक झरने द्वारा होता है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है और इसे अंजनी महादेव के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर मां अंजनी से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में।
Hanuman Chalisa: दिन में इतनी बार करें हनुमान चालीसा का पाठ, तो मिलेगा शुभ फल
जाने इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में
मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का इतिहास माता अंजनी से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है की त्रेता युग में मां अंजनी ने पुत्र प्राप्ति के लिए इसी जगह पर तपस्या की थी। इस पर भगवान शिव प्रसन्न हुए थे और अंजनी को दर्शन दिए थे। तब से ही यहां प्रकृति द्वारा बर्फ का शिवलिंग बनता है। ऐसा माना जाता है की इस शिवलिंग के दर्शन करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो जाती है।
जानिए धार्मिक मान्यता के बारे में
इस जगह को हिमाचल प्रदेश का अमरनाथ भी कहा जाता है। इस स्थान की जगह बहुत सालों पहले गुरु बाबा प्रकाश जी पूरी महाराज ने की थी। मंदिर के पास ही संत बाबा जी की एक कुटिया भी थी। सर्दियों के समय में यह झरना जमने लगता है और शिवलिंग के आस पास बर्फ इक्ट्ठा होने लगती है। ऐसे बर्फ के इकट्ठा होने से शिवलिंग की ऊंचाई 40 फीट तक पहुंच जाती है। ऐसा माना जाता है की सर्दियों में इस शिवलिंग के दर्शन करने भक्त नंगे पैर चल कर जाते हैं और उनके पैरों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंच पाता है। इसलिए अगर आप मनाली जाते हैं तो इस शिवलिंग के दर्शन जरूर करके जाएं।