Shastras-शास्त्रों में नदी में स्नान करने से जुड़ी कई बातें लिखी हुई हैं जिनका पालन आपको जरूर करना चाहिए। कोई भी शुभ तिथि हो या फिर कुछ शुभ महीनों में पवित्र नदियों में स्नान करना काफी शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है ऐसा करने से देवता प्रसन्न होते हैं और साथ ही आपके सारे पाप भी धुल जाते हैं। लेकिन यह शुभ फल प्राप्त करने के लिए आप को सही नियमों का पालन करके ही नदी में स्नान करना चाहिए नहीं तो आप को इसके विरुद्ध फल प्राप्त हो सकते हैं। आइए जान लेते हैं नदी में नंगे पैरों क्यों नहाना चाहिए।
क्यों करना चाहिए नदी में नंगे पैर स्नान?
हमारे धर्म में नदियों को काफी पवित्र और पूजनीय माना गया है। नदियों की देवी के रूप में पूजा भी की जाती है और पापों से मुक्ति पाने में भी नदियां हमारी मदद करती हैं जैसे की गंगा नदी। अगर हम ऐसी पवित्र और पूजनीय नदियों में चप्पल या जूते पहने ही अंदर घुस जाते हैं तो इससे नदी का अपमान होता है इसलिए आप को ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए। नदी में नंगे पैर नहाने की ही सलाह दी जाती है। ऐसा करने से नदियों से निकलने वाली ऊर्जा का भी आप के शरीर में संचार होता है और साथ ही में शरीर को भी इससे कई तरह के लाभ पहुंचते हैं।
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पवित्र नदी के जल से आपके तन और मन दोनों की ही ऊर्जा सकारात्मक बनती है और इससे आप का मन भी शांत बना रहता है। जल की ऊर्जा से हमारे शरीर के सभी चक्र ऊर्जावान होने लगते हैं। इससे आप को शरीर से जुड़े और मन से जुड़े कई सारे लाभ मिलते हैं। साथ ही यह भी सलाह दी जाती है की आप को कभी भी नदी में नग्न अवस्था में स्नान नहीं करना चाहिए बल्कि कपड़े पहन कर ही स्नान करना चाहिए।
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