Standing Deities Idol-हिन्दू धर्म में अधिकतर लोगों के घरों में पूजा करने के लिए भगवान की मूर्तियां तो होंगी ही। हम अपनी तरफ से भगवान जी की काफी सुंदर मूर्ति घर लाते हैं लेकिन क्या आपने कभी उन मूर्तियों की मुद्रा पर ध्यान दिया है? क्या आपने कभी यह नोटिस किया है की यह मूर्ति खड़ी है या बैठी हुई है? अधिकतर लोग इस बारे में ध्यान नहीं देते हैं लेकिन इसका भी कुछ न कुछ मतलब होता है जिसके बारे में आप को जान लेना चाहिए। आइए जानते हैं खड़ी हुई मूर्ति का क्या अर्थ होता है?
क्या खड़ी मुद्रा में मूर्ति को घर ला सकते हैं?
शास्त्रों के अनुसार आप को हमेशा अपने घर वह मूर्ति लेकर आनी चाहिए जो बैठी हुई मुद्रा में हो। खड़ी हुई मुद्रा वाली मूर्ति को घर लाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि खड़ी हुई मूर्ति का अर्थ होता है की वह मूर्ति अभी चल अवस्था में है। इसका मतलब होता है की वह देवी या देवता आपके घर में कुछ ही समय के लिए आए हैं। और कुछ समय तक अपनी कृपा आपके घर में करने के बाद वह वापिस आपके घर से चले जायेंगे। इसका मतलब आपके घर में उनका निवास अस्थाई है। बैठी हुई मुद्रा वाली मूर्ति का अर्थ होता है की वह भगवान आपके घर में स्थाई रूप से विराजमान हो गए हैं और आपके घर से अपना स्थान कभी नही छोड़ने वाले हैं।
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अगर आपके घर में खड़ी हुई मुद्रा में कोई मूर्ति है तो उसे अपने आस पास के किसी मंदिर में दे आएं और अपने घर में एक बैठी हुई मुद्रा वाली मूर्ति को ले आएं। लेकिन अगर आप किसी खड़ी मूर्ति की घर में स्थापना कर चुके हैं तो उसे देकर न आएं बल्कि उसकी पूजा करते रहें। स्थापना करने के बाद मूर्ति को खंडित होने के बाद ही हटाया जाता है।