Lok Sabha Election 2024: लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदाताओं की भूमिका बढ़ाने के लिए प्रशासन महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर “नूंत पानड़ी” काफी चर्चा में है। यह नवाचार किया है हनुमानगढ़ (Hanumangarh Collector) के जिला कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी कानाराम ने। 18वीं लोकसभा के लिए लोकसभा चुनाव 2024, 19 अप्रैल से होने जा रहे हैं। उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र जमा करवाया जा रहा है तथा जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग प्रशासन मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए नवाचार कर रहा है। यह “नूंत पानड़ी” नव मतदाताओं को उनके पहले मतदान के लिए उत्साहित करने व मतदान के लिए बूथ पर आमंत्रित करने के लिए छपवाए गए हैं। जिला कलेक्टर हनुमानगढ़ द्वारा 15000 पोस्टकार्ड छपवाए हैं, जो बीएलओ, पोस्ट ऑफिस से भिजवाए जा रहे हैं।
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“नूंत पानड़ी” क्या है?
“नूंत पानड़ी” अर्थात निमंत्रण पत्र। नव मतदाताओं को मतदान के लिए बूथ पर आमंत्रित करने के लिए जिला कलेक्टर हनुमानगढ़ ने नवाचार किया है। “नूंत पानड़ी” शीर्षक से प्रकाशित किए गए इन पोस्टकार्ड में मतदाताओं के संबोधन के लिए “मानजोग मतदाता” लोकसभा, श्रीगंगानगर/चूरू लिखवाया गया है। भेजने वाले के स्थान पर “जिला निर्वाचन अधिकारी ,कलेक्टर” लिखा गया है।
बूथ पर आमंत्रित करने के लिए-
“भेजा हां म्हे “नूंत पानड़ी” ,मतदाता जी थाने बुलावण ने।
19 अप्रैल ने वोट पड़सी, भूल मत कर जो आवण म।।”
इस प्रकार के दोहों का प्रयोग किया गया है।
समय सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक। 19 अप्रैल याद रखो तथा मतदाताओं को निर्भय होकर अपना मतदान देने के लिए कहा गया है।
राजस्थानी भाषा में प्रकाशित किए गए इस निमंत्रण पत्र से नव मतदाताओं में काफी उत्साह है तथा ग्रामीणों में भी राजस्थानी भाषा के प्रति काफी उत्साह देखा गया है। गौरतलब है कि राजस्थान में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं। वर्तमान में 22 संवैधानिक भाषाओं में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में राजस्थानी भाषा को तवज्जो दिलाने के लिए जिला कलेक्टर हनुमानगढ़ द्वारा किया गया प्रयास अतुलनीय है।
हनुमानगढ़ कलेक्टर कानाराम ने बताया, “जिस तरह से अमूमन शादी-विवाह कार्यक्रम में कार्ड छपवाए जाते हैं तो स्थानीय भाषा को तवज्जो दी जाती है। इसी तरह से यह भी लोकतंत्र का पर्व है। इसलिए इसमें यह पहल की गई कि जो यहां की स्थानीय भाषा है उसमें पोस्टकार्ड छपवाए जाएं। जिस तरह से शादी के कार्ड लोग बहुत अच्छी तरह से पढ़ते हैं और फिर उसी तरीके से कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। उसी तर्ज पर यह नवाचार किया गया है। जो पहली बार बोट करेंगे उनको बीएलओ के माध्यम से यह पोस्टकार्ड भेजे जा रहे हैं।”