Explainer Katchatheevu Island: हाल ही में कच्चातिवु आइलैंड (Katchatheevu Island Issue) का मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। भाजपा (BJP) द्वारा प्रत्येक चुनावी रैली में इस मुद्दे पर कांग्रेस (Congress) को घेरा जा रहा है। यह आईलैंड का मुद्दा तब शुरू हुआ जब तमिलनाडु राज्य के बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आईलैंड से जुड़ी जानकारी दी। उनके अनुसार उन्होंने आईलैंड के संदर्भ में RTI लगाई थी, जिसमें इंदिरा गांधी द्वारा आईलैंड को श्रीलंका को दिए जाने का विवरण बताया गया। इसके बाद से विभिन्न मीडिया हाउस द्वारा इस मुद्दे को हाईलाइट किया गया तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से इसे नेशनल मुद्दा बना दिया। आईए जानते हैं यह कच्चातिवु आईलैंड कहां है? इसका इतिहास तथा विवाद का कारण क्या है?
कच्चातिवु आइलैंड कहां है? (Where is Katchatheevu Island?)
कच्चातिवु आइलैंड भारत के तमिलनाडु राज्य व श्रीलंका के मध्य पाक जलडमरू के उत्तर में स्थित है। यह रामेश्वरम से 30 किलोमीटर दूरी पर है।
Election Knowledge: वोटर लिस्ट में अपना नाम कैसे चेक करें? चुनाव आयोग घर बैठे देता है ये सुविधा
कच्चातिवु आइलैंड का इतिहास क्या है? (history of Katchatheevu Island)
औपनिवेशिक काल में अंग्रेजों द्वारा कच्चातिवु आइलैंड को श्रीलंका का हिस्सा माना था। इस आईलैंड पर भारतीय राजा रामनद की जमींदारी थी। सन् 1875 से 1948 तक जमींदारी अधिकार के तहत राजा द्वारा राजस्व प्राप्त किया जाता रहा। प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर आजादी के बाद यह स्थान विवादित रहा, परंतु भारत का इस पर अधिकार बना रहा। विवादित स्थान होने के कारण अंतरराष्ट्रीय संबंध खराब न हो इसके लिए 1961 में एक एग्रीमेंट हुआ। जिसके तहत 1974 में इंदिरा गांधी द्वारा आईलैंड को श्रीलंका को सौंप दिया। तात्कालिक तमिलनाडु मुख्यमंत्री करुणानिधि व भारतीय मछुआरों ने इसका कड़ा विरोध किया। क्योंकि भारतीय मछुआरों, विशेषकर तमिलनाडु के मछुआरों पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा।
कच्चातिवु आइलैंड से जुड़ा विवाद क्या है? (Katchatheevu Island Issue Kya hai)
भारतीय संविधान के अनुसार भारत विनाशी राज्यों का अविनाशी संघ है। भारत के किसी हिस्से को किसी अन्य देश को देने के लिए संविधान संशोधन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। यह संविधान संशोधन संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत होता है। जिस प्रकार 2015 में बांग्लादेश के संदर्भ में 100वा संविधान संशोधन किया गया। परंतु कच्चातिवु आइलैंड के संदर्भ में किसी प्रकार का संविधान संशोधन नहीं किया गया। जबकि प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के आदेश मात्र से ही इसे श्रीलंका को सौंप दिया गया। इस कारण से इसे असंवैधानिक तथा कानूनी रूप से गलत बताया गया।
प्रारंभ में दोनों देशों के मध्य अंतरराष्ट्रीय संबंध सकारात्मक थे, परंतु कालांतर में सरकारें बदली जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में परिवर्तन आया जिसने भारतीय मछुआरों का आइलैंड पर आना प्रतिबंधित किया। लगातार भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा पकड़कर बंदी बना दिया गया। जिसके चलते मछुआरों ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लिए गए फैसले का विरोध किया।
कच्चातिवु आइलैंड का महत्व क्या है? (Importance of Katchatheevu Island)
कच्चातिवु आइलैंड हिंद महासागर में चारों तरफ पानी से घिरा आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। यह मछली उत्पादन के लिए अनुकूल स्थान है। भारतीय मछुआरों के लिए यह आईलैंड मछली पकड़ने, जाल सुखाने तथा आराम करने के उद्देश्य से भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। औपनिवेशिक काल में यहां एक चर्च बना है, जिसका भारतीयों के लिए धार्मिक महत्व है।