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राजस्थान कोचिंग सेंटर बिल 2025 का विरोध क्यों कर रहे कोचिंग संस्थान? छात्रों के हित में क्या-क्या हैं इसमें? Rajasthan Coaching Center Bill 2025

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Rajasthan Coaching Center Bill 2025: राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण विधेयक 2025 के तहत कोचिंग संस्थानों के लिए सख्त नियम लागू होंगे। जानिए छात्रों के हित में फीस नियमन, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, और करियर काउंसलिंग जैसे प्रमुख प्रावधान।

Rajasthan Desk
Written by: Rajasthan Desk - News
4 Min Read

Rajasthan Coaching Center Bill 2025: राजस्थान विधानसभा में भजनलाल सरकार ने राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 पेश होने के बाद इस पर आज चर्चा होगी। इसे लेकर छात्रों, अभिभावकों और कोचिंग संस्थानों के बीच काफी संशय की स्थिति बनी हुई है।

उच्च शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने विधानसभा में पेश किया था। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य कोचिंग संस्थानों के संचालन को पारदर्शी और छात्र-हितैषी बनाना है। इसमें फीस नियमन, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, करियर काउंसलिंग, और शिकायत निवारण जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर सख्त नियम प्रस्तावित किए गए हैं।

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बिल के प्रमुख प्रावधान:

  • बैच और कक्षा का आकार सीमित:
    • प्रत्येक बैच में छात्रों की संख्या प्रॉस्पेक्टस में स्पष्ट रूप से दर्ज करनी होगी।
    • एक बार बैच शुरू होने के बाद, उसमें और नामांकन नहीं जोड़े जा सकेंगे।
  • छात्र-शिक्षक अनुपात:
    • कक्षा में छात्र-शिक्षक अनुपात उचित स्तर पर बनाए रखा जाएगा ताकि छात्रों को सीखने में कोई बाधा न हो।
  • पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न की जानकारी:
    • छात्रों को नामांकन से पहले पाठ्यक्रम की कठिनाई, सिलेबस, और परीक्षा पैटर्न के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।
  • करियर काउंसलिंग:
    • अभिभावकों को इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा अन्य करियर विकल्पों की जानकारी दी जाएगी।
    • छात्रों के लिए “एप्टीट्यूड टेस्ट” का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाएगा।
  • मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं:
    • कोचिंग सेंटरों को छात्रों के लिए परामर्श और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध करानी होगी।
    • प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक और काउंसलर की व्यवस्था की जाएगी।
  • फीस नियमन:
    • फीस उचित और युक्तिसंगत होनी चाहिए।
    • कोर्स छोड़ने पर छात्रों को आनुपातिक आधार पर फीस वापस की जाएगी।
  • शिकायत निवारण:
    • छात्र और अभिभावक जिला समिति से शिकायत कर सकते हैं।
    • शिकायत का निपटारा 30 दिनों के भीतर किया जाएगा।
  • जुर्माना और दंड:
    • नियमों के उल्लंघन पर पहली बार 2 लाख रुपये और दूसरी बार 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
    • बार-बार उल्लंघन करने वाले संस्थानों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।

क्यों है यह बिल महत्वपूर्ण?

राजस्थान में कोचिंग संस्थानों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन इनके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी देखी गई है। छात्रों पर अत्यधिक दबाव, भ्रामक विज्ञापन, और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं ने इस क्षेत्र में सुधार की मांग को बढ़ा दिया है। इस बिल के माध्यम से सरकार का लक्ष्य छात्रों के हितों की रक्षा करना और कोचिंग संस्थानों को एक नैतिक ढांचे में लाना है।

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कोचिंग संस्थानों की चिंताएं:

इस बिल को लेकर कोचिंग संस्थानों ने चिंता जताई है। उनका मानना है कि सख्त नियमों के कारण उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह बिल छात्रों के हित में है और इससे कोचिंग क्षेत्र में सुधार आएगा।

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आगे की राह:

21 मार्च को विधानसभा में इस बिल पर चर्चा होगी। यदि यह बिल पास हो जाता है, तो राजस्थान कोचिंग क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी। छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, और कोचिंग संस्थानों को अधिक जवाबदेह बनाया जाएगा।

इस बिल के सफल क्रियान्वयन से न केवल छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा, बल्कि कोचिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वास भी बढ़ेगा।

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