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Manmohan Singh Daughter: डॉ. मनमोहन सिंह की तीनों बेटियां कहां हैं, क्या करती हैं? जानें क्या राजनीति से है कोई वास्ता

मनमोहन सिंह की बेटियों की सफलता: उपिंदर, दमन और अमृत सिंह की प्रेरणादायक यात्रा

Rupali kumawat
Written by: Rupali kumawat - Sub Editor
4 Min Read

Manmohan Singh Daughter Success Story: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज अंतिम संस्कार किया गया। उनका जीवन राजनीतिक रूप से अत्यधिक प्रभावशाली था, लेकिन उनकी तीन बेटियों ने राजनीति से दूर रहते हुए अपनी अलग पहचान बनाई और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मनमोहन सिंह का विवाह 1958 में गुरशरण कौर से हुआ था, और उनके तीन बच्चे हैं – उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह। इन तीनों बहनों ने अपने पिता की राजनीतिक प्रतिष्ठा का सहारा लिए बिना अपने क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।

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1. उपिंदर सिंह: इतिहासकार और शिक्षाविद

उपिंदर सिंह भारत की प्रमुख इतिहासकारों में से एक मानी जाती हैं। वह वर्तमान में अशोका विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और भारतीय इतिहास के अध्ययन में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुकी हैं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली और मैकगिल विश्वविद्यालय, मॉन्ट्रियल से शिक्षा प्राप्त की। उनकी पुस्तकें भारतीय इतिहास के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, जो आज भी शोधकर्ताओं के लिए मार्गदर्शन का कार्य करती हैं।

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2. दमन सिंह: लेखिका और सामाजिक विचारक

दमन सिंह पेशे से एक लेखिका हैं और उन्होंने समाज के विभिन्न पहलुओं पर कई चर्चित किताबें लिखी हैं। उनकी पुस्तक “स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन और गुरशरण” ने उनके माता-पिता के व्यक्तिगत जीवन को सरल और जीवंत रूप में प्रस्तुत किया है। इस किताब में उन्होंने अपने माता-पिता की जिंदादिली और सादगी को उकेरा, जो आज भी पाठकों के दिलों को छूती है।

3. अमृत सिंह: मानवाधिकार वकील

अमृत सिंह एक प्रतिष्ठित मानवाधिकार वकील हैं, जिन्होंने अपनी शिक्षा कैम्ब्रिज, ऑक्सफोर्ड और येल विश्वविद्यालयों से प्राप्त की। वह अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) में स्टाफ अटॉर्नी के रूप में कार्य कर चुकी हैं और वर्तमान में स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल में प्रोफेसर हैं। उन्होंने हमेशा अपने कार्यों के माध्यम से मानवाधिकारों की रक्षा की है और समाज के कमजोर वर्गों के लिए आवाज उठाई है।

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तीनों बेटियों की सफलता: अपने पिता की विरासत से अलग

इन तीनों बहनों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने कभी भी अपने पिता की राजनीतिक प्रतिष्ठा का सहारा नहीं लिया। उनका मानना था कि सच्ची सफलता केवल मेहनत और नैतिकता से ही प्राप्त की जा सकती है। उपिंदर सिंह ने संजय बारू की विवादास्पद पुस्तक “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” में अपने पिता की नकारात्मक छवि को “शरारती और अनैतिक कृत्य” कहा था, जो उनके पिता के प्रति उनके सम्मान और सच्चाई के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

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मनमोहन सिंह की शिक्षा और उनका प्रभाव

मनमोहन सिंह के मूल्य और नैतिकता की झलक उनकी बेटियों की मेहनत, ईमानदारी और सफलता में स्पष्ट रूप से दिखती है। यह परिवार भारत के प्रत्येक घर के लिए प्रेरणा का स्रोत है, क्योंकि यह साबित करता है कि सफलता पाने के लिए विनम्रता, मेहनत और सच्चाई सबसे बड़ा रास्ता है।

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रुपाली कुमावत पिछले कई वर्षों से लेखन क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनको हिंदी कविताएं, कहानियां लिखने के अलावा ब्रेकिंग, लेटेस्ट व ट्रेंडिंग न्यूज स्टोरी कवर करने में रुचि हैं। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से BADM में M.Com किया हैं एवं पंडित दीनदयाल शेखावाटी यूनिवर्सिटी से family law में LL.M किया हैं। रुपाली कुमावत के लेख Focus her life, (राजस्थान पत्रिका), सीकर पत्रिका, https://foucs24news.com, खबर लाइव पटना जैसे मीडिया संस्थानों में छप चुके हैं। फिलहाल रुपाली कुमावत 89.6 एफएम सीकर में बतौर न्यूज कंटेंट राइटर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
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