CPR Kaise Dete Hain: आपने कभी न कभी किसी व्यक्ति को सीपीआर (CPR) देते हुए देखा होगा। यह आमतौर पर एक जीवन रक्षक प्रक्रिया मानी जाती है, खासकर जब किसी की सांस और दिल की धड़कन रुक जाए। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि हर बार सीपीआर देने से किसी की जान बचाई जा सके, और कभी-कभी यह गलत तरीके से देने से स्थिति और भी खराब हो सकती है।
क्या है सीपीआर?
सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह एक आपातकालीन प्रक्रिया है जिसमें दिल की धड़कन और सांस रुक जाने पर, व्यक्ति के सीने पर दबाव डालकर और मुंह से सांस देकर उसकी जान बचाई जाती है। सीपीआर तब दी जाती है जब व्यक्ति की सांस रुक जाए और दिल की धड़कन भी बंद हो जाए।
सीपीआर देने का सही तरीका और समय
डॉ. अमित माथुर बताते हैं कि सीपीआर का सही तरीका और सही समय जानना बहुत जरूरी है। अगर आप गलती से या बिना जरूरत के सीपीआर देते हैं, तो यह व्यक्ति की स्थिति को और खराब कर सकता है।
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जब किसी को सीपीआर देने का निर्णय लिया जाता है, तो सबसे पहले आपको यह जांचना चाहिए कि क्या वह व्यक्ति सांस ले रहा है और उसकी धड़कन सामान्य है या नहीं। अगर वह व्यक्ति बेहोश है और सांस नहीं ले रहा है, तो उसे तुरंत सीपीआर देना चाहिए।
सीपीआर कब नहीं देना चाहिए?
डॉ. अमित माथुर यह भी बताते हैं कि कुछ विशेष परिस्थितियों में सीपीआर नहीं देना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति होश में है, वह चिल्ला रहा है, उसकी आंखों में मूवमेंट दिखाई दे रही है, या अगर उसकी सांस और धड़कन सामान्य हैं, तो उसे सीपीआर की कोई जरूरत नहीं होती।
इसके अलावा, अगर आपको महसूस हो कि आप थक गए हैं और हर मिनट 100 से 120 बार छाती दबाने की क्षमता नहीं रखते, तो भी आपको सीपीआर नहीं देना चाहिए।
सीपीआर देने से पहले 8 जरूरी स्टेप्स:
1. सबसे पहले, व्यक्ति को चेतन लाने के लिए उसे जोर से पुकारें या हिलाएं।
2. अगर वह जवाब नहीं देता है, तो तुरंत 102 पर कॉल करें और एंबुलेंस बुलाने को कहें।
3. देखें कि व्यक्ति की सांस चल रही है या नहीं। 10 सेकंड तक उसकी नाक और मुँह के पास महसूस करें।
4. अगर सांस नहीं आ रही है, तो छाती को देखें कि धड़कन महसूस हो रही है या नहीं।
5. नाड़ी महसूस न होने पर, तुरंत सीपीआर शुरू करें।
6. व्यक्ति को पीठ के बल लिटाकर छाती पर दबाव डालें, जिससे कम से कम 2 इंच का कंप्रेशन बने।
7. प्रत्येक 30 कंप्रेशन के बाद, दो रेस्क्यू ब्रीद दें।
8. एंबुलेंस आने तक या व्यक्ति के होश में आने तक यह प्रक्रिया जारी रखें।
गलत समय पर सीपीआर देने से हो सकता है नुकसान
जब किसी व्यक्ति को सीपीआर दिया जाता है, तो सही तरीके से इसे करना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति बेहोश है, लेकिन उसकी सांस और दिल की धड़कन सामान्य है, तो सीपीआर देने से उसकी हड्डियां टूट सकती हैं और यह स्थिति और बिगाड़ सकता है।