Yoga-मुद्राएं हमारे हाथों और उंगलियां द्वारा एक विशेष तरीके से बनाई जाती है, जो हमारे हाथ में मौजूद कुछ पॉइंट्स को उंगलियों से जोड़ती है I ऐसा माना जाता है कि हाथों की यह स्थिति हमारे ब्रेन के कुछ विशेष हिस्सों को उत्तेजित करती है और हमारे शरीर के इनर एनर्जी फ्लो को बढाती है I यह योग व ध्यान के दौरान मेंटल फोकस को बढ़ाने, भावनाओं को संतुलित करने, मन को शांत में हमारी मदद करती हैं I ऐसा माना जाता है की योगाभ्यास के दौरान इन मुद्राओं को शामिल करने से हमें मानसिक और शारीरिक विकास में मदद मिलती है I आज इस लेख में यौगिक क्रिया के दौरान की जाने वाली कुछ मुख्य मुद्राओं के बारे में बात करेंगे I
ज्ञान मुद्रा
यह हाथों द्वारा बनाई जाने वाली एक शक्तिशाली मुद्रा है जिसमें अंगूठे के सिरे को तर्जनी के सिरे से स्पर्श किया जाता है और बाकी उंगलियों को सीधा रखा जाता है I यह मुद्रा बुद्धि और ज्ञान से जुड़ी होती है और ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से एकाग्रता बढ़ती है, याददाश्त में सुधार होता है और मनुष्य का आध्यात्मिक विकास होता है l
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वायु मुद्रा
वायु मुद्रा शरीर के वायु तत्व से जुड़ी एक शक्तिशाली मुद्रा है l
इससे करने के लिए तर्जनी को मोड़े, उसके ऊपर अंगूठे के आधार को दबाए और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें l यह मुद्रा शरीर के वायु घटकों को संतुलित करने का काम करती है l ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से वायु संबंधी सभी असंतुलन जैसे गैस, सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है l
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा को जीवन शक्ति मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है l इसमें अंगूठे की नोक को अनामिका और छोटी उंगलियों के साथ जोड़कर किया जाता है जबकि अन्य उंगलियों को सीधा रखा जाता है l ऐसा कहा जाता है कि इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर के अंदर पांच तत्व आकाश, वायु जल, अग्नि, पृथ्वी संतुलित रहते हैं l मन, आत्मा और शरीर को ऊर्जा मिलती है l इससे इम्युनिटी और मेन्टल पावर दोनों बढ़ती हैं l
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