Chhath Puja 2025: आस्था और श्रद्धा का प्रतीक छठ पर्व 25 अक्तूबर से नहाय-खाय के शुभ अवसर के साथ आरंभ हो चुका है। यह पर्व सूर्य उपासना को समर्पित है और चार दिन तक चलने वाला है, जो 28 अक्तूबर को समाप्त होगा। नहाय-खाय के दिन, व्रती महिलाएं पवित्र स्नान करने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं, जिससे व्रत का प्रारंभ होता है। यह पर्व नदियों और जलाशयों के प्रति सम्मान और उनके संरक्षण का संदेश देता है।
दिल्ली में छठ पूजा की तैयारियां
दिल्ली में छठ पूजा की तैयारियों को लेकर महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा, “दिल्ली सरकार और नगर निगम मिलकर सुनिश्चित कर रहे हैं कि घाट साफ और व्यवस्थित रहें। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी को कोई असुविधा न हो।” दिल्ली के विभिन्न घाटों पर विशेष सफाई और व्यवस्था की गई है ताकि भक्त बिना किसी बाधा के पूजा कर सकें।
जनकपुरी क्षेत्र में विशेष व्यवस्था
दिल्ली के जनकपुरी विधान सभा क्षेत्र में छठ पूजा की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मंत्री आशीष सूद ने कहा, “मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनकपुरी क्षेत्र के 31 घाटों समेत पूरे पश्चिमी दिल्ली में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।” सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन की मदद से यहां व्यापक स्तर पर सफाई और सजावट का कार्य किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु सुविधाजनक तरीके से पूजा में भाग ले सकें।
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छठ पूजा का महत्त्व
छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का एक अभूतपूर्व पर्व है। इस पर्व के दौरान, व्रती महिलाएं सूर्योदय के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं और उसके बाद प्रसाद ग्रहण करती हैं। इस दिन के लिए विशेष रूप से बनाए गए प्रसाद को ग्रहण करने का समय भी शुभ माना जाता है। छठ महापर्व नदियों और जलाशयों के संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और यह हमें जल स्रोतों की महत्ता को समझने की प्रेरणा देता है।
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