Cambridge School in Sikar: सीकर के माता-पिता और बच्चों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब शहर के बच्चों को विदेशों जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली-जयपुर नहीं जाना पड़ेगा। फ्लोरेटो वर्ल्ड स्कूल (Floreto 2.0 in Sikar) को कैम्ब्रिज इंटरनेशनल बोर्ड से मान्यता मिल गई है, जिससे यह सीकर का पहला कैम्ब्रिज स्कूल बन गया है। यह स्कूल जयपुर-बीकानेर बाईपास, पलवास रोड पर स्थित है और यहां नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चों को कैम्ब्रिज की पढ़ाई करवाई जाएगी।
क्यों है यह खास?
फ्लोरेटो वर्ल्ड स्कूल को प्रिंस एजुहब (Prince Eduhub) ने शुरू किया था, जो सीकर में ICSE बोर्ड के तहत पहले से ही नाम कमा चुका है। अब इस स्कूल ने बच्चों को और बेहतर शिक्षा देने के लिए कैम्ब्रिज बोर्ड की मान्यता ले ली है। इसका मतलब यह है कि अब सीकर के बच्चे भी दुनिया के टॉप स्कूलों जैसी पढ़ाई अपने ही शहर में कर पाएंगे।
कैम्ब्रिज बोर्ड क्या है और यह आम बोर्ड से कैसे अलग है?
कैम्ब्रिज बोर्ड (कैम्ब्रिज असेसमेंट इंटरनेशनल एजुकेशन – CAIE) यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, UK द्वारा चलाया जाता है और यह दुनिया के 160 से ज्यादा देशों में मान्यता प्राप्त है। इसकी खास बात यह है कि यहां रटने की बजाय समझने पर जोर दिया जाता है। बच्चों को प्रैक्टिकल नॉलेज, प्रोजेक्ट वर्क और रिसर्च के जरिए पढ़ाया जाता है, जिससे उनकी लॉजिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल बेहतर होती है।
यह भी जरूर पढ़ें...
New Rules 1 June 2025: ‘ATM, Credit Card से लेकर LPG तक’, आज से बदल गए ये 8 नियम, आप भी नोट कर लीजिए
कैम्ब्रिज बोर्ड के फायदे:
- दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में आसानी से दाखिला मिलता है।
- पढ़ाई का तरीका फ्लेक्सिबल और इंटरेक्टिव होता है।
- बच्चों को इंग्लिश, मैथ्स और साइंस में मजबूत बनाया जाता है।
- ग्लोबल स्टैंडर्ड की पढ़ाई सीकर जैसे छोटे शहर में उपलब्ध होगी।
फ्लोरेटो 2.0: जहां पढ़ाई के साथ मिलेगा पूरा विकास!
कैम्ब्रिज बोर्ड की मान्यता मिलने के साथ ही स्कूल ने एक नया कैंपस (फ्लोरेटो 2.0) भी बनाया है, जो पूरी तरह मॉडर्न सुविधाओं से लैस है। इसमें बच्चों के लिए क्या-क्या है, आइए देखते हैं:
1. स्मार्ट क्लासरूम:
हर क्लास में डिजिटल बोर्ड, प्रोजेक्टर और इंटरेक्टिव लर्निंग टूल्स होंगे, ताकि बच्चे आसानी से समझ सकें।
2. AI और रोबोटिक्स लैब:
बच्चे यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग और रोबोट बनाना सीखेंगे, जो आज के जमाने में बहुत जरूरी है।
3. खेल और एक्टिविटीज:
स्कूल में 15 से ज्यादा खेल (जैसे बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, स्विमिंग) और 25+ एक्ट्रा एक्टिविटीज (डांस, म्यूजिक, ड्रामा, आर्ट) होंगी, ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अपनी हॉबीज भी डेवलप कर सकें।
4. लाइब्रेरी और लैब्स:
- डिजिटल लाइब्रेरी: जहां बच्चे ई-बुक्स और एजुकेशनल ऐप्स से पढ़ सकेंगे।
- साइंस लैब: फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए।
5. छोटी क्लासेस, बड़ा ध्यान:
हर क्लास में सिर्फ 20-25 बच्चे होंगे, ताकि टीचर्स हर बच्चे पर अच्छे से ध्यान दे सकें।
भारतीय संस्कृति + वैश्विक शिक्षा = सही मिश्रण
स्कूल के चेयरमैन डॉ. पियुष सुंदा (जो PCP सीकर के संस्थापक भी हैं) ने बताया कि यहां बच्चों को इंग्लिश, हिंदी, जर्मन, फ्रेंच और संस्कृत सिखाई जाएगी। साथ ही, भारतीय संस्कृति, योग और नैतिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा, ताकि बच्चे ग्लोबल सिटिजन बनने के साथ-साथ अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें।
पेरेंट्स और बच्चों की क्या राय?
सीकर के अभिभावक इस नए स्कूल को लेकर काफी उत्साहित हैं। राजेश शर्मा (एक पेरेंट) ने कहा, “पहले हमें बच्चों को अच्छी पढ़ाई के लिए बड़े शहर भेजना पड़ता था, लेकिन अब सीकर में ही वर्ल्ड-क्लास एजुकेशन मिलेगी।”
वहीं, प्रिया गुप्ता (एक स्टूडेंट) ने कहा, “मुझे रोबोटिक्स और डांस दोनों पसंद है, और इस स्कूल में मुझे दोनों ही चीजें सीखने को मिलेंगी!”
कैसे मिलेगा एडमिशन?
- एडमिशन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन स्कूल की वेबसाइट पर किया जा सकेगा।
- स्कॉलरशिप भी मिलेगी मेरिट के आधार पर।
(अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: फ्लोरेटो वर्ल्ड स्कूल, पलवास रोड, सीकर)