Zero Investment Marketing: क्या बिना पैसा खर्च किए भी ग्राहक बनाए जा सकते हैं? सीकर के जाने माने मार्केटिंग एक्सपर्ट विकास माथुर का मानना है कि हां, बिल्कुल संभव है। लेकिन इसके लिए पैसे की जगह समय (Time Investment) लगाना होगा। यही वजह है कि इसे ₹0 मार्केटिंग कहा जाता है।
WhatsApp से शुरू करें मार्केटिंग
विकास माथुर ने बताया कि छोटे व्यापारी अपने पुराने ग्राहकों को जोड़कर WhatsApp ग्रुप या ब्रॉडकास्ट लिस्ट बना सकते हैं। हर तीन दिन में नए ऑफर्स, प्रोडक्ट फोटो या अपडेट शेयर करके बिजनेस को एक्टिव रखा जा सकता है। यह तरीका बिल्कुल फ्री है और केवल समय की मांग करता है।
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Google My Business बनाए आपकी पहचान
उन्होंने दूसरा तरीका बताया कि हर व्यापारी को अपनी दुकान या बिजनेस को Google My Business (GMB) पर रजिस्टर करना चाहिए। यह पूरी तरह से मुफ्त है और जब कोई “sweet shop near me” या “mobile repair Sikar” सर्च करेगा तो आपकी दुकान तुरंत सामने आएगी।
सोशल मीडिया से जुड़ें ग्राहक
तीसरा उपाय है सोशल मीडिया का सही उपयोग। व्यापारी अपने फोन से ही प्रोडक्ट की तस्वीरें लेकर Facebook और Instagram पर डाल सकते हैं। नियमित पोस्टिंग से लोग आपको याद रखते हैं और यह विश्वास बनता है कि आपका बिजनेस लगातार सक्रिय है। उन्होंने बताया कि सिर्फ WhatsApp और Facebook स्टेटस से ही एक बुटीक ओनर ने ₹0 निवेश में एक महीने में 50 नए ऑर्डर हासिल किए।
Reel बनाएं या Real Business करें?
सोशल मीडिया पर आजकल ‘रील’ बनाना ट्रेंड है। इस पर चर्चा करते हुए विकास माथुर ने कहा कि छोटे व्यवसायियों को “रील और रियल बिजनेस दोनों में बैलेंस” बनाना चाहिए। उनके अनुसार, अगर टारगेट ग्राहक युवा हैं तो सोशल मीडिया पर समय देना जरूरी है क्योंकि वे औसतन रोज 3 से 4 घंटे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बिताते हैं।
अपने व्यापार को कैसे बढ़ाएं?
- WhatsApp Business सेटअप करें
- Google My Business प्रोफाइल बनाएं
- Facebook Page पर नियमित पोस्ट डालें
- इससे ब्रांड अवेयरनेस भी बढ़ेगी और सेल्स भी।
Branding क्यों है जरूरी?
ब्रांडिंग पर बात करते हुए विकास माथुर ने कहा कि ब्रांडिंग का मकसद सीधी बिक्री करना नहीं होता बल्कि लोगों के दिमाग में जगह बनाना होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक सर्वे के अनुसार इंसान एक समय में 7 से ज्यादा ब्रांड याद नहीं रख सकता। यही कारण है कि कंपनियां बार-बार विज्ञापन दिखाती हैं ताकि उनका नाम टॉप ऑफ माइंड पर बना रहे। IPL जैसे बड़े आयोजनों में भी खिलाड़ी की जर्सी पर केवल लोगो लगाया जाता है, कोई फोन नंबर या वेबसाइट नहीं। इसका कारण है कि बार-बार दिखने से ब्रांड अनजाने में ही हमारे दिमाग में जगह बना लेता है।
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