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Budhwa Mangal 2024: कब है बुढ़वा मंगल? जानिए शुभ तिथि, पूजा महत्व और पौराणिक कथा

Budhwa Mangal 2024: बुढ़वा मंगल 2024 की तिथि (Budhwa Mangal Kab Hai 2024) और पूजा महत्व को जान लीजिए। खासकर हनुमान भगवान के भक्तों के लिए बुढ़वा मंगल की पूजा के बारे में अच्छी तरह जान लेना चाहिए। इस तिथि पर हनुमान जी के पूजा का खास महत्व होता है। अगर आप बुढ़वा मंगल पूजा करने की सोच रहे हैं तो आपको हम बुढ़वा मंगल पूजा विधि, बुढ़वा मंगल कथा और बुढ़वा मंगल का महत्व बताने जा रहे हैं।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
3 Min Read

Budhwa Mangal 2024: बुढ़वा मंगल 2024 की तिथि (Budhwa Mangal Kab Hai 2024) और पूजा महत्व को जान लीजिए। खासकर हनुमान भगवान के भक्तों के लिए बुढ़वा मंगल की पूजा के बारे में अच्छी तरह जान लेना चाहिए। इस तिथि पर हनुमान जी के पूजा का खास महत्व होता है। अगर आप बुढ़वा मंगल पूजा करने की सोच रहे हैं तो आपको हम बुढ़वा मंगल पूजा विधि, बुढ़वा मंगल कथा और बुढ़वा मंगल का महत्व बताने जा रहे हैं।

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24 मई 2024 शुक्रवार से ज्येष्ठ माह शुरू हो रहा है। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का बहुत महत्व है, और इस महीने में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने के प्रत्येक मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल कहा जाता है। ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के दुख/ कष्ट दूर होते हैं, और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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ज्येष्ठ माह कब से आरंभ है?

प्रतिपदा तिथि आरंभ 23 मई गुरुवार सायं 7:23 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्त 24 मई शुक्रवार सायं 7:25 तक
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार ज्येष्ठ माह 24 मई से शुरू हो रहा है।

कब-कब पड़ेंगे बुढ़वा मंगल

ज्येष्ठ माह में पहला बुढ़वा मंगल 28 मई , दूसरा मंगल 4 जून, तीसरा मंगल 11 जून और चौथा बडा मंगल 18 जून को है।

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बड़े मंगल का महत्व

ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगल का विशेष महत्व है। इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंगबाण पढ़ने से भक्तों को हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आपकी कोई मनोकामना अधूरी है, तो बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी के मंदिर में चोला चढ़ाने से आपकी सारी अधूरी इच्छाएं/ मनोकामनाएं पूरी होगी और आपको पुण्य की प्राप्ति होगी।

क्यों होती है, बूढ़े हनुमान जी की आराधना

पौराणिक कथाओं के अनुसार बुढ़वा मंगल महाभारत और रामायण काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। महाभारत काल की कथा के अनुसार भीम को अपनी शक्तियों का काफी घमंड हो गया था। भीम का घमंड चकनाचूर करने के लिए बजरंगबली ने मंगलवार को बूढ़े बंदर का रूप धारण किया और भीम को हरा दिया। तब से इस दिन को बूढ़ा मंगल के नाम से जाना जाता है।

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दूसरी कथा ये भी है कि रामायण काल में जब हनुमान जी सीता माता को खोजने के लिए लंका पहुंचे तो रावण ने बंदर कहकर उनका अपमान किया था रावण के घमंड को चूर-चूर करने के लिए भी हनुमान जी ने बूढ़े वानर का रूप धारण किया था। तब बजरंगबली ने विराट रूप धारण किया और अपनी पूछ से लंका को जलाकर लंका पति रावण का घमंड चकनाचूर कर दिया था।

Edited By- Ravi Kumar Gupta

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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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