Devuthani Ekadashi 2024 Muhurat: तुलसी विवाह के लिए कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है। इस साल यह तिथि 12 नवंबर को शाम 4:04 बजे से शुरू होकर 13 नवंबर को दोपहर 1:01 बजे तक रहेगी। हालांकि, सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि का आगमन हो जाएगा, जिससे 13 नवंबर को तुलसी विवाह संभव नहीं होगा। इसलिए तुलसी विवाह का आयोजन 12 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन देवउठनी एकादशी भी होगी और एकादशी युक्त द्वादशी होने से शुभता में वृद्धि होगी।
तुलसी विवाह का मुहूर्त
इस वर्ष तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को शाम 5:29 बजे से शुरू होकर 7:53 बजे तक रहेगा। इस दौरान सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से संपन्न किया जाएगा। इस अवसर पर भक्त विशेष पूजा और आराधना करके अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में तुलसी विवाह को बहुत शुभ माना जाता है। तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती हैं, और उनके बिना श्रीहरि की पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी विवाह करने से विवाहित जीवन में सुख और शांति बनी रहती है और अविवाहित युवाओं के विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
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देवउठनी एकादशी से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
देवउठनी एकादशी का पर्व भी इसी समय मनाया जाता है, जो कि कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि पर आता है। इस वर्ष यह तिथि 11 नवंबर को शाम 6:46 बजे से शुरू होकर 12 नवंबर को शाम 4:04 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर यह एकादशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन से विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
देवउठनी एकादशी का पूजन-विधान
देवउठनी एकादशी पर व्रती सुबह 6:42 बजे से भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं। इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत संकल्प लें। आंगन में विष्णु भगवान के चरणों की आकृति बनाएं और उस पर सिंघाड़े, गन्ना और आंवला अर्पित करें। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।
धार्मिक महत्व और लाभ
मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। इस दिन किए गए व्रत और पूजा से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि का आगमन होता है। ऐसा भी माना जाता है कि इस व्रत से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार, इस साल तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है। भक्तजन इस अवसर पर श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा-अर्चना कर सकते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।