Gopashtami 2024 Date Time: सनातन धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। इसी माह में गोपाष्टमी का पर्व भी आता है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण और गौ माता की पूजा के लिए समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल में पहली बार गौचारण किया था, जिससे गोपाष्टमी पर्व की परंपरा शुरू हुई।
गोपाष्टमी 2024 की तारीख और शुभ मुहूर्त
तारीख और समय पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 08 नवंबर को रात 11:56 बजे होगा और यह तिथि 09 नवंबर को रात 10:45 बजे समाप्त होगी। अतः गोपाष्टमी का पर्व 09 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
पूजा के शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:54 से 05:47 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 01:53 से 02:37 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:30 से 05:57 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:43 से 12:26 बजे तक
गोपाष्टमी पूजा विधि
1. सुबह स्नान और शुद्ध वस्त्र धारण करें
इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा की तैयारी करें।
2. गायों और बछड़ों का अभिषेक
गोपाष्टमी पर गाय और बछड़ों को स्नान कराना शुभ माना जाता है। इससे वातावरण पवित्र और सकारात्मक बनता है।
3. सूर्य देव को अर्घ्य दें
स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
4. गायों का तिलक और पूजन
गाय और बछड़ों का तिलक कर उन पर अक्षत और पुष्प चढ़ाएं। गायों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए उन्हें मीठा खिलाएं।
5. भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की स्थापना
चौकी पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति विराजमान करें और दीपक जलाकर उनकी आरती करें।
6. प्रसाद और भोग चढ़ाएं
श्रीकृष्ण को माला पहनाकर उन्हें भोग अर्पित करें, जिसमें फल, मिष्ठान्न और गुड़ आदि हो।
7. गायों को खिलाएं रोटी और गुड़
पूजा के पश्चात गायों को रोटी, गुड़ और फल खिलाएं। इससे गायों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
8. दान-पुण्य करें
अंत में, अपनी श्रद्धा अनुसार ब्राह्मणों, गरीबों और पशुओं के प्रति सेवा भाव से दान करें।
गोपाष्टमी पर मंत्र जाप
गोपाष्टमी के दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह मंत्र उच्चारण करें:
सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता,
सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस।
तत: सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते,
मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी!!
सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः।
गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्।।
गोपाष्टमी का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
गोपाष्टमी न केवल भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ा हुआ पर्व है, बल्कि यह प्रकृति और पशुओं के प्रति आदरभाव भी दर्शाता है। इस दिन गौ माता की पूजा करके हमें यह संदेश मिलता है कि हमें अपनी प्रकृति, संस्कृति और पर्यावरण का सम्मान करना चाहिए।