September 2024 Vrat Tyohar Full List: सितंबर 2024 कई मायनों में खास है। ये महीना गणेश चुतर्थी, विश्वकर्मा पूजा, पितृपक्ष के लिए खास है। आइए देखें सितंबर के पर्व-त्योहार की पूरी सूची।
गणेश चुतर्थी, विश्वकर्मा पूजा, पितृपक्ष के अलावा भी कई खास पर्व-त्योहार सितंबर हैं। इस माह में भी कई प्रकार के उपवास व्रत आते हैं। हम आपको ये पूरी जानकारी यहांं पर बताने जा रहे हैं। साथ ही आपको इनके बारे में विस्तृत जानकारी भी मिलेगी, इसलिए नीचे तक खबर को पढ़ें।
सितंबर 2024 के व्रत और त्योहार September 2024 Vrat Tyohar
- हरितालिका तीज- 06 सितंबर
- गणेश चतुर्थी- 9 सितंबर 2024 (सोमवार): भगवान गणेश का जन्मोत्सव
- महालक्ष्मी व्रत आरंभ- 11 सितंबर
- द्वादशी व्रत- 21 सितंबर 2024 (शनिवार): यह व्रत विशेष रूप से द्वादशी तिथि को मनाया जाता है।
- विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति- 16 सितंबर सोमवार
- पूर्णिमा – 17 सितंबर 2024 (मंगलवार): यह पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।
- पितृपक्ष 2024: 17 सितंबर से प्रारंभ होगा।
विश्वकर्मा पूजा 2024 की तिथि और महत्व
विश्वकर्मा पूजा विशेष रूप से उन लोगों द्वारा मनाई जाती है जो निर्माण, निर्माण से संबंधित व्यवसायों या कौशल में लगे होते हैं, जैसे- इंजीनियर, आर्किटेक्ट, और अन्य श्रमिक। यह पूजा भगवान विश्वकर्मा के लिए है। इस दिन कार्यस्थल पर छुट्टियां होती हैं।
गणेश चतुर्थी 2024 की तिथि और महत्व
गणेश चतुर्थी का महत्व बहुत गहरा और विविध है, और यह हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता माने जाते हैं, की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है।
गणेश चतुर्थी करने के लाभ
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश जी को समस्त विघ्नों और अड़चनों को दूर करने वाला और बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य का देवता माना जाता है। इसलिए इनकी पूजा करने से आपको लाभ मिलेगा।
गणेश चतुर्थी भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है जो विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटका, गोवा और अन्य दक्षिणी राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
हरितालिका तीज 2024 की तिथि
हरितालिका तीज, विशेष रूप से उत्तर भारत, मध्य भारत और पश्चिम भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्यौहार मुख्यतः महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन विशेष रूप से माता पार्वती की पूजा की जाती है और इस व्रत को रखने वाली महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और रात्रि जागरण करती हैं।
पितृपक्ष 2024: 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक रहेगा
पितृपक्ष अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है। यह पर्व पितृ पक्ष (शरदीय) के दौरान मनाया जाता है, जो हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्वयुज (अश्वयुज) मास की अमावस्या से शुरू होता है और पूर्णिमा तक चलता है। इस दौरान, लोग विशेष पूजा और तर्पण (पितृ पूजा) का आयोजन करते हैं, जिसमें वे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड दान करते हैं।