अपरा एकादशी (Apara Ekadashi)-जेष्ठ के महीने में शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को अपार एकादशी कहा जाता है और इस दिन लोग सच्चे मन से व्रत करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। यह तिथि मई या जून के महीने में ही हर साल मनाई जाती है। इस बार यह जून के महीने में आने वाली है। ऐसा माना जाता है की जो लोग पूरे भक्ति भाव से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत करते हैं उन्हें उनके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस तिथि को आंचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। कोई भी धार्मिक क्रिया करने के लिए यह दिन काफी शुभ होता है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार त्रिविक्रम की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इसकी तिथि और मुहूर्त के बारे में।
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Apara Ekadashi तिथि और मुहूर्त
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इस साल जून के महीने की 2 तारीख को यह (Apara Ekadashi) एकादशी मनाई जा रही है। 2 जून को सुबह 5 बज कर 5 मिनट पर यह तिथि शुरू हो रही है और अगले दिन 3 मई को रात में 2 बज कर 41 मिनट पर इसका समापन हो रहा है। पारन का समय अगले दिन 16 मई को 6 बज कर 41 मिनट पर शुरू हो रहा है और सुबह 8 बज कर 26 मिनट तक रहेगा।
Apara Ekadashi महत्त्व
अपार का अर्थ होता है जिसकी कोई सीमा न हो इसलिए जो लोग इस दिन सच्चे मन से भक्ति करते हैं उन्हें अपार धन, दौलत और अच्छा भाग्य प्राप्त होता है। ब्रह्म पुराण और पदम पुराण में इस एकादशी के महत्त्व के बारे में अच्छे से बताया गया है। देश के कुछ हिस्सों में इस एकादशी को भद्रकाली एकादशी भी कहा जाता है। ओडिशा में इसको जल क्रीड़ा एकादशी के नाम से जाना जाता है और (Apara Ekadashi) इस दिन भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। खुद को अपने पापों से मुक्त करने के लिए और मोक्ष प्राप्ति के लिए इस एकादशी के व्रत को जरूर करें।
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