Kamada Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में कामदा एकादशी को उपवास के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है। यह भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है और। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह हिंदू नव वर्ष के बाद पहली एकादशी है। कामदा एकादशी को आमतौर पर ‘चैत्र शुक्ल एकादशी’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह चैत्र नवरात्रि के बाद आती है।
2024 में कब है कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2024 Date Time)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि इस बार 19 अप्रैल शुक्रवार को पड़ रही है। इस एकादशी का नाम कामदा एकादशी है। पंडित दिनेश जोशी बताते हैं कि एकादशी को करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कामदा एकादशी 2024 के दिन शुभ योग (Kamada Ekadashi 2024 puja muhurat)
कामदा एकादशी के दिन तीन शुभ योग है। उस दिन रवि योग सुबह 5:51 मिनट से 10:57 तक है, वही वृद्धि योग सुबह से लेकर रात 1:45 तक रहेगा। उसके बाद ध्रुव योग होगा और यह तीनों योग कार्यों के लिए बहुत ही शुभ है। कामदा एकादशी वाले दिन मघा नक्षत्र प्रात काल से लेकर सुबह 10:57 तक है। उसके बाद से पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र है।
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- पारण का समय: 20 अप्रैल को प्रातः 06:11 बजे से प्रातः 08:39 बजे तक।
- एकादशी प्रारंभ तिथि: 18 अप्रैल 2024 को शाम 05:31 बजे।
- एकादशी समाप्त तिथि: 19 अप्रैल 2024 को रात्रि 08:04 बजे होगी।
कामदा एकादशी का यह व्रत भक्त को मोक्ष प्राप्त करने और भगवान कृष्ण के निवास वैकुंठ धाम तक पहुंचने में मदद करता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, एकादशी के व्रत का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को नियमों का पालन करना चाहिए। तो जानते हैं कि कामदा एकादशी के दिन कौन से नियम का पालन करना चाहिए।
कामदा एकादशी व्रत के नियम (Kamada Ekadashi vrat vidhi)
व्रत रखने वाले भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, यानी सूर्योदय से पहले, जल्दी स्नान करते हैं और भगवान कृष्ण/विष्णु की पूजा की तैयारी शुरू करते हैं। वे उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चंदन, फूल, फल और धूप के साथ भगवान की मूर्ति की पूजा करते हैं। जो भक्त कामदा एकादशी का उपवास रखते हैं जहां वे केवल एक साधारण भोजन खा सकते हैं जिसमें दूध उत्पाद, फल, सब्जियां और सूखे मेवे शामिल हैं। इसके अलावा, भोजन सात्विक और शुद्ध शाकाहारी होना चाहिए। वो व्रत में फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक आदि का सेवन किया जा सकता है। मान्यता है कि इस दिन वे चावल, मूंग दाल, गेहूं और जौ खाने से भी परहेज करना चाहिए।
कामदा एकादशी का महत्व (Kamada Ekadashi importance)
‘कामदा’ शब्द का अर्थ ‘इच्छाओं की पूर्ति’ का प्रतीक है। कामदा एकादशी का महत्व कई हिंदू शास्त्रों और पुराणों जैसे ‘वराह पुराण’ में वर्णित है। इसके अलावा, महाभारत के दौरान, श्री कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को कामदा एकादशी के महत्व और लाभों के बारे में बताया था। ऐसा माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत व्यक्ति को अपने गुणों को पुनः प्राप्त करने और सुधारने में मदद करता है। इसके अलावा, यह भक्तों और उनके परिवारों को सभी कष्टों से बचाता है। साथ ही यह भी माना जाता है, कि अगर विवाहित लोगों द्वारा कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता हैं, तो उन्हें जल्दी ही संतान की प्राप्ति हो सकती है। और इस प्रकार, इस एकादशी को एक आध्यात्मिक अनुष्ठान भी हम मानते हैं। जो हमारी सभी सांसारिक इच्छाओं को पूरा करता है।
कामदा एकादशी पर कैसे करें पूजा अर्चना (Kamada Ekadashi Puja Vidhi)
कामदा एकादशी पर भक्त चाहे तो वैदिक मंत्रों और भगवान कृष्ण के भजनों का भी जाप कर सकते हैं। इस दिन ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ जैसी धार्मिक पुस्तकें पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही, पूरे भारत में भगवान विष्णु के मंदिरों में विशेष यज्ञ, आयोजित किए जाते हैं। जो भक्तों का मन आनंद से भर देते हैं ऐसे यज्ञ प्रवचन से हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है। कामदा एकादशी मोक्ष प्राप्त करने का दिन है। जिसे भारत के कुछ हिस्सों में पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह पवित्र कामदा एकादशी सभी पापों को क्षमा कर देती है, और व्यक्ति को ‘मोक्ष’ प्राप्त करने में सहायता मिलती है।