Deepak At Night-दिया जलाने से अंधकार में भी प्रकाश फैलता है और हम पूजा पाठ के समय दिया जलाते हैं ताकि अपने देवी देवताओं को खुश कर सकें और घर में या मंदिर में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सके। लेकिन आपने अक्सर देखा होगा की दिया हमेशा संध्या यानी शाम के समय ही जलाया जाता है। रात के समय दिया जलाने को मना किया जाता है। इसे शैतानी शक्ति से भी जोड़ कर देखा जाता है। लेकिन इसके पीछे क्या कारण है? आखिर क्यों हमें शाम के बाद या फिर रात में दिया जलाने से मना किया जाता है? आइए जानते हैं इसका कारण।
क्यों नहीं लगाना चाहिए शाम के बाद दिया?
अक्सर पूजा दो तरह की होती है : सात्विक और तांत्रिक। सात्विक पूजा जो हम जैसे सामान्य लोग सुबह शाम के समय अपने घरों या मंदिरों में करते हैं। इस पूजा का समय सुबह ब्रह्म मुहूर्त में शुरू हो जाता है और सूर्यास्त तक रहता है। वहीं तांत्रिक पूजा तांत्रिक लोग मंत्र तंत्र के लिए करते हैं। सूर्यास्त के बाद देवी देवताओं के विश्राम करने का समय हो जाता है।
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इसलिए ही हमें दिया हमेशा उस समय जलाना चाहिए जब देवी देवता जाग रहे हों अर्थात् सूर्यास्त से पहले। सुबह पूजा के दौरान और शाम के समय आरती के लिए दीपक जलाएं। इसके बाद रात में दिया न जलाएं। रात के समय दिया जलाना तांत्रिक क्रिया में शामिल होता है। इस समय अगर आप दिया जलाते हैं तो इसका अर्थ है भगवान की नींद में विघ्न डाल रहे हैं। इस चीज का आप को किसी तरह से फायदा नहीं मिलने वाला है। इसलिए दिए को हमेशा सही समय पर ही जलाना चाहिए ताकि आप को लाभ मिल सके और देवी देवता आप से प्रसन्न हो कर आप की मन चाही मुराद पूरी कर सकें। शाम के बाद दिया जलाना अशुभ भी कहा जाता है और इसे शैतानी शक्तियों से जोड़ कर देखा जाता है।