Kisan Andolan, MSP on Milk: दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के किसानों ने डेरा डाल रखा हैं और एमएसपी (MSP) कानून समेत विभन्न मांगों को लेकर आंदोलन (Farmer Protest) कर रहे हैं। इसी बीच हिमाचल सरकार (Himachal Govt) ने एमएसपी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार ने दूध पर एमएसपी (MSP On Milk in Himachal) तय कर दी है। ऐसे में राज्य के पशुपालकों के लिए यह अच्छी खबर है।
बता दें कि 17 फरवरी शनिवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में बजट पेश किया। बजट के दौरान msp से संबंधित ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस समय जब उत्तर भारत बेल्ट के अधिकांश राज्यों के किसान msp के लिए आंदोलन कर रहे हैं, इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दूध पर msp की घोषणा काफी सुर्खियां बटोर रही है।
मुख्यमंत्री ने गाय व भैंस के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की घोषणा की है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बजट भाषण के अनुसार यह भारतवर्ष तथा हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि दुग्ध उत्पादन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया हो। ऐसा करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना है।
यह भी जरूर पढ़ें...
दूध पर कितनी एमएसपी हुई तय (MSP Price on Milk in Himachal Pradesh)
बता दें कि राज्य सरकार ने गाय के दूध पर एमएसपी 38 रुपए प्रति लीटर से ₹45 प्रति लीटर कर दिया गया है। वहीं, भैंस के दूध पर 38 रुपए प्रति लीटर से 55 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। यह एमएसपी प्रक्रिया 1 अप्रैल 2024 अर्थात वित्त वर्ष 2024-25 के प्रारंभ से लागू होगी।
प्रदेश के बजट 2024 -25 में कृषि क्षेत्र के लिए 582 करोड रुपए तथा बागवानी क्षेत्र के लिए 300 करोड रुपए की राशि प्रस्तावित की गई है।
दुग्ध उत्पादन पर एमएसपी देते हुए यह भी सुनिश्चित किया गया कि यदि बाहरी बाजार में एमएसपी से अधिक अच्छे भाव में बिक्री हो तो दुग्ध उत्पादक खुले बाजार में भी दूध बेचने के लिए स्वतंत्र हैं।
बजट भाषण के अनुसार एमएसपी की राशि दुग्ध की गुणवत्ता के अनुसार दूध उत्पादको को दी जाएगी, जिससे डेयरी उद्योग की गुणवत्ता में सुधार तथा सुदृढ़ीकरण होगा। डेयरी उत्पादन प्राथमिक क्षेत्र की आर्थिक क्रिया है, जिसमें प्रदेश के सबसे अधिक जनसंख्या कार्यरत है। इस प्रकार के फैसले से सरकार का लक्ष्य दुग्ध उत्पादन पर बाजार हलचल से दूध के भाव की रक्षा करना तथा आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
एमएसपी से लाभ तथा आगे की राह
- पशुपालन उद्योग में वृद्धि होगी तथा इससे प्राप्त डेयरी उत्पादन का सुदृढ़ीकरण होगा।
- पशुपालन से अधिक मात्रा में गोबर का उत्पादन होगा, जिसकी खाद से जैविक कृषि को प्रोत्साहन मिलेगा।
- जैविक उर्वरकों से उत्पादित कृषि उत्पाद को सरकार द्वारा सर्टिफिकेट देकर खरीद की जाएगी।
- कृषि व बागवानी जैविक उर्वरकों के साथ होगी, जिससे 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित हिमाचल प्रदेश बनाया जाएगा।
Want a Website like this?
Designed & Optimized by Naveen Parmuwal
Journalist | SEO | WordPress Expert






