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Odwara Encroachment Case: 440 घरों को तोड़ने पहुंचे 7 बुल्डोजर, गांव में मचा कोहराम, जानिए क्या है पूरा मामला

Odwara Encroachment Case: राजस्थान में 440 घरों पर बुल्डोजर चलाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओडवाडा (Odwara Encroachment Case In Hindi) गांव में कोहराम मचा है। जालोर जिला (Jalore Encroachment) का ये गांव छावनी में तब्दील हो गया है। चलिए राजस्थान के ओडवाडा गांव के अतिक्रमण वाले मामले को विस्तार से समझते हैं (Jalore Encroachment In Rajasthan Explain In Hindi)।

Ravi Kumar
Written by: Ravi Kumar - News Editor (Consultant)
4 Min Read

Odwara Encroachment Case: राजस्थान में 440 घरों पर बुल्डोजर चलाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद ओडवाडा (Odwara Encroachment Case In Hindi) गांव में कोहराम मचा है। जालोर जिला (Jalore Encroachment) का ये गांव छावनी में तब्दील हो गया है। वहीं, ओडवाडा निवासी घर बचाने के लिए रो-बिलख रहे हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। हालांकि, इस मामले को लेकर कांग्रेस राजस्थान की भजनलाल सरकार को घेर रही है। साथ ही इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा रहा है।

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इस मामले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं जिसके बाद देश के कोने-कोने से इन गांव वालों के लिए आवाज उठ रही है। चलिए राजस्थान के ओडवाडा गांव के अतिक्रमण वाले मामले को विस्तार से समझते हैं (Jalore Encroachment In Rajasthan Explain In Hindi)।

करीब 400 से अधिक मकान तोड़ने का आदेश

जालोर जिला के ओडवाडा में अतिक्रमण हटाने का आदेश हाईकोर्ट की ओर से दिया गया है। यहां पर करीब 400 से अधिक कच्चे और पक्के मकान है। समझिए तो पूरा गांव यहां पर बसा हुआ है। मगर जानकारी के मुताबिक जिस जगह पर लोग बसे हैं वो चारागाह की जमीन है। इसलिए अतिक्रमण को हटाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है। बता दें, हाई कोर्ट ने 7 मई को चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे।

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ओडवाडा चारागाह जमीन की कहानी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओडवाडा चारागाह जमीन की कहानी करीह 3 साल पहले प्रशासन तक पहुंची। ओडवाडा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित ने मीडिया को बताया कि करीब 3 साल पहले गांव के निवासी मुकेश पुत्र मुल्ल सिंह राजपुरोहित और महेन्द्र सिंह पुत्र बाबू सिंह राजपुरोहित के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हाईकोर्ट तक पहुंचा था। इसके बाद जमीन की नापी हुई तो करीब 440 मकान चारागाह भूमि में पाए गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश से 2022 और 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटाए गए थे। अब कोर्ट के आदेश पर 150 से अधिक कच्चे मकान और करीब 160 बाड़े को हटाने के लिए गांव में मकानों को चिह्नित किया गया था।

“कार्रवाई मत कीजिए, हम कहां जाएंगे”

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ओडवाडा अतिक्रमण हटाने के दौरान कई लोगों ने हाथ जोड़कर कहा कि कार्रवाई मत कीजिए, हम कहां जाएंगे। कई महिलाएं बिलख रही हैं। जिनके वीडियो आप देख सकते हैं। इस दौरान कई विरोध भी कर रहे हैं। इन लोगों को समर्थन देने के लिए स्थानीय नेता भी गांव में पहुंचे हैं।

ओडवाडा हुई छावनी में तब्दील

करीब कुछ घंटों के बाद ओडवाडा गांव की तस्वीर छावनी में बदलती दिख रही है। यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। कुछ घरों को तोड़ा गया है तो वहीं, कुछ घरों को तोड़ने के इंतजार में बुल्डोजर खड़े दिख रहे हैं। बता दें, इन घरों को तोड़ने के लिए टीम सात जेसीबी लेकर पहुंची है।

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सचिन पायलट ने ओडवाडा पर लिखा है

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ओडवाडा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की निंदा की है। साथ ही पुलिस-प्रशासन पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे ने कहा

जालोर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी इस मामले को लेकर आगे आए हैं। वैभव गहलोत ने कहा है कि इस मामले को लेकर सु्प्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहे हैं।

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