Ban on 15 Year Old Vehicles: दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए राजधानी में सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को घोषणा की कि अब 15 साल पुरानी गाड़ियों को 1 अप्रैल 2025 से पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। यह फैसला दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए लिया गया है। इस फैसले के तहत, 31 मार्च के बाद राजधानी के पेट्रोल पंपों पर इन वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस कदम की घोषणा एक बैठक के दौरान की, जिसमें अधिकारियों के साथ इस फैसले पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए कड़े कदम उठा रही है। इसके तहत, पेट्रोल पंपों पर ऐसे गैजेट लगाए जाएंगे, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे। इन वाहनों को ईंधन देने से मना किया जाएगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। पेट्रोलियम मंत्रालय को भी इस फैसले के बारे में सूचित किया जाएगा।
इसके अलावा, इस नियम को लागू करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स भी बनाई जाएगी, जो यह सुनिश्चित करेगी कि पुराने वाहनों को ईंधन न दिया जाए। सिरसा ने यह भी कहा कि 1 अप्रैल से इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। यह टीम पुरानी गाड़ियों की पहचान करेगी और उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही, दिल्ली में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों की जांच भी बढ़ाई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पर्यावरणीय मानकों का पालन कर रहे हैं।
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दिल्ली में पहले से ही 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर बैन है। 2021 में जारी एक आदेश में इस नियम को और सख्त किया गया था। इस आदेश के अनुसार, यदि कोई वाहन 2022 के बाद नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे जब्त कर कबाड़खाने में भेज दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए और भी कदम उठा रही है। इसके तहत, दिल्ली के सभी ऊंची इमारतों, होटलों और वाणिज्यिक परिसरों में एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह गन प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी। सिरसा ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट, बड़े होटल और ऑफिस कॉम्प्लेक्स को यह गन लगानी होगी।
इसके अलावा, दिसंबर 2025 तक दिल्ली की लगभग 90 प्रतिशत सार्वजनिक सीएनजी बसों को हटा कर इलेक्ट्रिक बसों से बदलने की योजना बनाई गई है। इससे भी दिल्ली में वायु प्रदूषण में कमी आएगी, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।