52 Crore Rupees Banana Art: कला की दुनिया अक्सर अनोखी और चौंकाने वाली होती है, लेकिन इटालियन कलाकार मॉरीज़ियो कैटलन (Maurizio Cattelan) ने जब एक साधारण केले को दीवार पर चिपका कर उसकी कीमत 52 करोड़ रुपये (6.2 मिलियन डॉलर) तय की, तो यह चर्चा का विषय बन गया। चीन के उद्यमी जस्टिन सन ने इसको खरीदा है। आखिर ऐसा क्या खास है इस केले में? आइए जानते हैं।
केले की कहानी
मॉरीज़ियो कैटलन ने 2019 में मियामी में आयोजित “आर्ट बेसल” नामक प्रदर्शनी में अपने एक कला-कार्य “कॉमेडियन” (Comedian) को प्रस्तुत किया। यह “कला-कार्य” मात्र एक केले और सिल्वर डक्ट टेप का उपयोग करके बनाया गया था। इसे देखते ही लोग हैरान रह गए। यह एक साधारण केला था, इसे कला के रूप में प्रदर्शित किया गया था, जो मानव जीवन और उपभोक्तावाद (consumerism) पर व्यंग्य कर रहा था।
इतनी कीमत क्यों?
सवाल उठता है कि आखिर एक साधारण केले की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है? इसका जवाब है, कला का दृष्टिकोण और प्रतीकात्मकता।
1. व्यंग्य और संदेश: कैटलन ने अपने “कॉमेडियन” के माध्यम से उपभोक्तावाद पर कटाक्ष किया। यह दिखाता है कि कैसे साधारण चीज़ें भी आज के युग में मूल्यवान हो सकती हैं, अगर उन्हें सही तरीके से प्रस्तुत किया जाए।
2. नाम और प्रतिष्ठा: मॉरीज़ियो कैटलन का नाम आधुनिक कला की दुनिया में एक बड़ा स्थान रखता है। उनके नाम से जुड़ी हर चीज़ की कीमत बढ़ जाती है।
3. कलात्मक मूल्य: कला की दुनिया में, कीमत उस चीज़ पर नहीं होती कि वह वस्तु क्या है, बल्कि उस विचार पर होती है जो वह प्रस्तुत करती है। यह केला उस विचार का प्रतिनिधित्व करता है।
क्या हुआ प्रदर्शनी में?
जब यह केला प्रदर्शनी में रखा गया, तो उसे खरीदने के लिए कई लोग सामने आए। अंततः इसे 12 करोड़ रुपये में बेचा गया। दिलचस्प बात यह है कि इसे खरीदने वाले को बताया गया कि वह केले का मालिक नहीं बनेगा, बल्कि वह केवल उस कला-कार्य की “कॉन्सेप्ट” का मालिक होगा। यानी अगर केला सड़ जाए, तो वह एक नया केला इस्तेमाल कर सकता है।
चोरी और व्यंग्य
इस घटना के बाद एक और मज़ेदार वाकया हुआ। डेविड डेटुना नामक एक कलाकार ने प्रदर्शनी में लगे इस केले को तोड़कर खा लिया और इसे “आर्ट परफॉर्मेंस” कह दिया। इस पर कैटलन और आयोजकों ने कोई शिकायत नहीं की। यह घटना भी कला के नए आयामों को उजागर करती है।
कला और विवाद
“कॉमेडियन” के माध्यम से मॉरीज़ियो कैटलन ने यह साबित कर दिया कि कला केवल चित्रों और मूर्तियों तक सीमित नहीं है। यह किसी भी साधारण वस्तु को विचारशील बनाकर उसे असाधारण बना सकती है। हालांकि, इसे लेकर विवाद भी हुए। कुछ लोग इसे “फर्जी कला” कहने लगे, तो कुछ ने इसे आधुनिक कला का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।