Gaganyaan Mission Date: पृथ्वी के बाहर रहस्यमयी दुनिया की खोज परख के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) कई मिशन पर काम कर रहा है। चंद्रयान-3, आदित्य-एल1 मिशन के बाद अब इसरो गगनयान मिशन (ISRO Gaganyaan Mission in Hindi) लॉन्च करने जा रहा है। इसरो का गगनयान मिशन अब तक के सभी मिशन में सबसे अहम माना जा रहा है। इसरो के इस मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन में 4 भारतीय अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। इन 4 भारतीय एस्ट्रोनॉट्स के नामों की घोषणा हाल ही में की गई हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरुवंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में गगनयान मिशन से संबंधित तैयारी का मुआयना करने के लिए पहुंचे। जहां गगनयान मिशन के अन्तर्गत अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले चार यात्रियों को चुना गया। यह अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायु सेवा के पायलट हैं, जिनके नाम-
1. प्रशांत बालाकृष्णन (केरल)
2. अजीत कृष्णन (चेन्नई)
3. अंगद प्रताप (प्रयागराज)
4. शुभांशु शुक्ला (लखनऊ)
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इसरो द्वारा भारत की पहली मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए कई टेस्ट पायलट ने आवेदन किया था। जिसमें से 2019 में 12 पायलटों का चुनाव भारतीय वायु सेवा द्वारा किया गया। इसरो द्वारा चार पायलटों का अंतिम रूप से चयन किया, जिन्हें प्रशिक्षण देना शुरू किया गया। शुरुआती प्रशिक्षण रूस में तथा बेंगलुरु के एजेंसी तथा सशस्त्र बलों द्वारा प्रयुक्त प्रशिक्षण देकर यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयार किया गया है।
मिशन गगनयान कब होगा लॉन्च (when will isro launch gaganyaan mission date 4 Indian astronauts in space details in hindi)
इस मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2018 को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान की गई। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो का मानव स्पेस मिशन है, जो 2024 के अंत तक या 2025 में लॉन्च किए जाने की संभावना है। इस मिशन के अंतर्गत पृथ्वी की lower earth orbit के लिए तीन मिशन भेजने की योजना है। जिनमें से दो मिशन मानव रहित तथा उनके सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद मानव युक्त मिशन भेजा जाएगा, जो भारत का पहला मानव युक्त स्पेस मिशन होगा।
भारत के पहले मानव युक्त अंतरिक्ष यात्रा में चार अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिन के लिए पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा तथा पुनः हिंद महासागर में उतार लिया जाएगा।
क्या होता है पेलोड, जिसमें रहेंगे एस्ट्रोनॉट्स
स्पेस मिशन के पेलोड में एक क्रू मॉड्यूल होगा जिसमें मानव को ले जाया जाएगा। यह अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसा वातावरण व निवास योग्य स्थान है। एक सर्विस मॉड्यूल होगा जो दो तरल प्रणोदक इंजन द्वारा संचालित किया जाएगा। इसरो के अनुसार इस प्रक्षेपण को LVM- 3 रॉकेट से लॉन्च् किया जाएगा जो भारी पेलोड को ले जाने में सक्षम है। इस मिशन से संबंधित प्रशिक्षण के लिए रूस की Glavkosmos अंतरिक्ष कंपनी से अनुबंध किया गया है जो यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा के लिए चयन तथा प्रशिक्षण में सहायता प्रदान करेगी।
गगनयान मिशन से लाभ –
-अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की साख मजबूत होगी।
-प्रौद्योगिकी का विकास होगा।
-अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए नए आयाम स्थापित होंगे।
-युवाओं को प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रेरणा मिलेगी।
ISRO क्या है?
इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन भारत सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी है जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में शोध में अनुसंधान का कार्य करती है। इसरो की स्थापना सन 1969 में हुई। इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। 12 जनवरी 2022 से इसरो के 10th अध्यक्ष श्रीधर पाणिकर सोमनाथ है।
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