Chaulai Saag: हरे साग-सब्जियों को खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। मगर एक साग ऐसा है जिसका कनेक्शन महाभारत से बताया जाता है। आज भी उस साग को लोग बड़े चाव से खाते हैं। वो साग भगवान कृष्ण को भी पसंद था। आज हम उस साग के बारे में जानेंगे।
महाभारत में है चौलाई साग का जिक्र (Chaulai Saag Connection With Mahabharat)
उस साग का जिक्र महाभारत में कुछ इस प्रकार है कि भगवान कृष्ण भगवान दुर्योधन के पास शांति संदेश लेकर जाते हैं। तब इस साग की उत्पत्ति दुर्योधन की मां गांधारी की वजह से होती है। जैसे ही गांधारी ने कृष्ण को श्राप देती हैं कि आपकी 36 साल की उम्र में मृत्यु होगी। इसके बाद उन्हें बहुत पछतावा हुआ था। तब वो कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि जब जेठ आषाढ़ में यह साग उगे तो उसका सेवन करें। इस कारण इसे गांधारी साग भी कहते हैं।
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चौलाई साग को खाने के फायदे (Chaulai Saag Ke Fayde)
चौलाई का साग विटामिन सी, पोटेशियम और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है। ये शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाता है। ये साग खासकर, गर्मी के सीजन से लेकर बारिश के मौसम तक मिलता है। इसका सेवन गर्मी में किया भी जाता है।
दिल के फायदेमंद है चौलाई का साग
चौलाई का साग न सिर्फ ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करता है बल्कि दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाता है। हार्ट के सेल्स में इंफ्लामेशन को भी कम करने में काफी हद तक मदद करता है।
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पेट के लिए फायदेमंद है चौलाई का साग
चौलाई का साग खाने से आपकी पाचन क्रिया सही हो सकती है। पाचन को दुरुस्त रखते हैं। इन पत्तों में मौजूद तत्व पेट दर्द, अपच, कब्ज, गैस बनना, सीने में जलन आदि को कम करते हैं। लेकिन अधिक सेवन से आपको दस्त भी लग सकते हैं।
बीमारी से लड़ने की शक्ति देता है ये साग
इस साग में विटामिन ए, सी, और विटामिन के जैसे कई पोषक तत्व हैं। अगर आप इस साग का सेवन करते हैं इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। इससे आपको कई बीमारियों से भी लड़ने में मदद मिल सकती है।
Disclaimer: इस लेख में लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सूचना के उद्देश्य से लिखे गए हैं। अगर आपको किसी समस्या से निजात पाना है तो डॉक्टर की सलाह लें और उसी अनुसार डाइट का पालन करें।