Free Ration Rajasthan: राजस्थान सरकार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत दिए जाने वाले सस्ते राशन से उन परिवारों को बाहर करने की योजना बना रही है, जो इस योजना के लिए अपात्र हैं। खासतौर पर वे परिवार जो कार मालिक हैं, लेकिन फिर भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। राज्य में कुल 4 करोड़ 31 लाख लाभार्थियों में से लगभग 30 लाख लोगों के नाम हटाए जाने की संभावना है। हालांकि, ट्रैक्टर और अन्य कृषि वाहनों को इस प्रक्रिया से छूट दी गई है।
क्यों लिया जा रहा है यह फैसला?
खाद्य सुरक्षा योजना का उद्देश्य जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराना है। लेकिन सरकार की जांच में यह पाया गया कि कई ऐसे परिवार भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं, जिनके पास चार पहिया वाहन हैं और वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं। इसीलिए सरकार अब इस योजना के तहत अपात्र परिवारों की पहचान कर रही है, ताकि सही लाभार्थियों तक इसका फायदा पहुंच सके।
किन जिलों में हो रही है सबसे ज्यादा कटौती?
सरकार की प्रारंभिक जांच के अनुसार, अलवर, जयपुर, उदयपुर और बांसवाड़ा जिलों में सबसे अधिक नाम काटे गए हैं। इनमें से अकेले अलवर जिले में ही 75,000 से अधिक नामों को हटाया गया है। जयपुर, उदयपुर और बांसवाड़ा में भी बड़ी संख्या में लाभार्थियों को अपात्र घोषित किया गया है। वहीं, अन्य जिलों में भी इस प्रक्रिया को तेजी से लागू किया जा रहा है।
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कैसे हो सकता है नाम कटने का खतरा?
यदि किसी परिवार के नाम पर कार या अन्य चार पहिया वाहन दर्ज है, तो उनका नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटाया जा सकता है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि कृषि कार्यों में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर और अन्य कृषि वाहनों के मालिकों को इस छूट का लाभ मिलेगा और उनके नाम नहीं हटाए जाएंगे।
सरकार ने उन लोगों को भी सतर्क किया है, जिनके परिवार में सरकारी नौकरी करने वाले सदस्य हैं या जिनकी वार्षिक आय एक निश्चित सीमा से अधिक है। ऐसे परिवार भी इस योजना से बाहर किए जा सकते हैं।
नाम हटने से बचने के लिए क्या करें?
यदि किसी लाभार्थी को लगता है कि उनका नाम गलत तरीके से कट गया है, तो वे संबंधित सरकारी कार्यालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र और वाहन पंजीकरण से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने होंगे।
सरकार का उद्देश्य
इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल उन लोगों को मिले, जो वास्तव में इसके हकदार हैं। अपात्र लोगों को हटाने से योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को सही ढंग से लाभ मिल सकेगा।