Rajasthan News: राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकने के लिए भजनलाल सरकार ने एक नया कदम उठाया है। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को राज्य के कार्मिक विभाग ने उम्मीदवारों का बायोमेट्रिक सत्यापन करने के लिए स्वीकृति दे दी है। 27 नवंबर 2024 को जारी अधिसूचना में इसके बारे में बताया गया है। इसके बाद अब अभ्यर्थियों के द्वारा किए जाने वाले दोहरे आवेदनों की छंटनी, अभ्यर्थियों के सत्यापन, जालसाजी एवं डमी कैंडिडेट की रोकथाम के लिए आधार सत्यापन प्रणाली का उपयोग कर सकेगा।
यह कदम आरपीएससी की भर्ती प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता को बनाए रखने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा है। आधार बायोमेट्रिक सत्यापन को जोड़कर, आयोग का लक्ष्य आवेदन जमा करने, साक्षात्कार, दस्तावेज़ सत्यापन, परीक्षा और नियुक्ति जैसे सभी चरणों में उम्मीदवारों की पहचान की पुष्टि करना है। आयोग के सचिव ने बताया कि इस प्रणाली के बाद डमी उम्मीदवार परीक्षाओं में नहीं बैठ पाएंगे। जिससे आयोग की विश्वसनीयता और काम करने की क्षमता और मजबूत होगी। सितंबर 2024 में, आरपीएससी को आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी मंजूरी मिली थी, जो परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए किए गए प्रयासों को दिखाता है।
आयोग ने आधार सत्यापन के लिए अनुरोध मई 2024 में राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भेजा था। इसके बाद, आधार अधिनियम 2016 और सुशासन नियम 2020 के अनुसार आधार सत्यापन प्रक्रिया शुरू की गई। कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना ने इस कदम को मजबूती दी, जिससे आरपीएससी को इस सत्यापन प्रणाली का उपयोग करने की अनुमति मिल गई।
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आरपीएससी ने परीक्षा और आवेदन प्रक्रिया में धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई बदलाव किए हैं। इसमें एक बार के पंजीकरण में अंगूठे के निशान को शामिल करना, लाइव फोटो लेना, ओएमआर शीट में पांचवा विकल्प डालना और साक्षात्कार के लिए अलग-अलग बोर्ड बनाना शामिल है। आधार बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ, आयोग धोखाधड़ी करके परीक्षा देने वालों को पहचान सकता है और उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।