Aja Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और इसी क्रम में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अजा एकादशी का भी बहुत महत्त्व है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
अजा एकादशी 2024 की तिथि एवं समय (Aja Ekadashi 2024 Date and Time)
- पंचांग के अनुसार, 2024 में अजा एकादशी 29 अगस्त को मनाई जाएगी।
- एकादशी तिथि की शुरुआत 29 अगस्त को देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर होगी।
- इसका समापन 30 अगस्त को रात 1 बजकर 37 मिनट पर होगा।
- उदया तिथि के अनुसार, इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
अजा एकादशी के शुभ योग (Aja Ekadashi 2024 Subha Yog)
ज्योतिष के अनुसार, अजा एकादशी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सिद्धि योग संध्याकाल 06 बजकर 18 मिनट तक है, जो साधकों के लिए विशेष फलदायी होता है।
इसके अतिरिक्त, सर्वार्थ सिद्धि योग 29 अगस्त को संध्याकाल 04 बजकर 39 मिनट से लेकर 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। इन शुभ योगों में व्रत और पूजा करने से साधक के सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।
पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण समय
- अजा एकादशी के दिन सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर है।
- जबकि सूर्यास्त शाम 06 बजकर 47 मिनट पर होगा।
- इस दिन चन्द्रोदय 30 अगस्त को देर रात 02 बजकर 29 मिनट पर होगा।
- चंद्रास्त दोपहर 03 बजकर 49 मिनट पर होगा।
- ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक रहेगा, जो ध्यान और पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।
- विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक है।
- गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट तक है।
अजा एकादशी का महत्त्व (Aja Ekadashi Importance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत रखने से साधक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना और व्रत उपवास करने से जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का समाधान होता है। इस दिन भगवान शिव भी कैलाश पर विराजमान रहते हैं, जिससे यह दिन और भी पवित्र हो जाता है।
नोट: यह जानकारी केवल धार्मिक संदर्भों और पंचांग के अनुसार दी गई है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक गतिविधि को अपनाने से पहले अपनी व्यक्तिगत विवेक का उपयोग करें।