सावन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आज मनाई जा रही है। इस पावन दिन को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियम से किया गया व्रत न केवल पितृदोष का नाश करता है, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी खोलता है।
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि कामिका एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन इस दिन देवी लक्ष्मी, शिव-पार्वती और अपने पितरों की भी पूजा का विशेष विधान है। शास्त्रों में कहा गया है कि यह व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
आज एकादशी तिथि का समापन
कामिका एकादशी की तिथि 20 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ हुई थी, जो आज 21 जुलाई को सुबह 9 बजकर 38 मिनट तक रही। उदयातिथि के अनुसार व्रत आज, सोमवार को रखा जा रहा है।
पूजन के शुभ मुहूर्त
व्रती आज सुबह सूर्योदय के बाद भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 14 मिनट से 4 बजकर 55 मिनट तक रहा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा, जबकि गोधूलि बेला में शाम 7 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 38 मिनट तक पूजा की जा सकती है। निशिता काल की पूजा रात्रि 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक की जा सकती है।
इन अशुभ कालों में पूजा से परहेज करें
राहुकाल सुबह 7 बजकर 19 मिनट से 9 बजकर 2 मिनट तक और गुलिक काल दोपहर 2 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इन कालों में पूजा करने से बचना चाहिए।
व्रत पारण कल प्रातः काल
कामिका एकादशी व्रत का पारण कल यानी मंगलवार, 22 जुलाई को किया जाएगा। पारण का शुभ समय सुबह 5 बजकर 37 मिनट से 7 बजकर 5 मिनट तक का है। मान्यता है कि व्रत का पारण सूर्योदय के बाद द्वादशी तिथि के भीतर करना चाहिए, अन्यथा व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
क्यों करें कामिका एकादशी का व्रत?
कामिका एकादशी व्रत के पालन से पितृदोष का निवारण होता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति, पापों से मुक्ति, आत्मिक शुद्धि और सांसारिक दोषों जैसे रोग, कलह और दरिद्रता से भी छुटकारा मिलने की मान्यता है।
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