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Margashirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष अमावस्या 2024, पितृदोष दूर करने का सबसे पवित्र दिन, जानें पूजा विधि

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Margashirsha Amavasya 2024, मार्गशीर्ष अमावस्या 2024: 30 नवंबर को सुबह 10:29 से आरंभ। इस दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान और दान-स्नान का विशेष महत्व है। पुण्यकाल में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या का पर्व मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या तिथि को मनाते हैं।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
3 Min Read

Margashirsha Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का अत्यधिक महत्व है। हर माह पड़ने वाली अमावस्या में मार्गशीर्ष अमावस्या का स्थान और भी विशेष होता है। इसे भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित माना जाता है। इस दिन स्नान, दान, पूजा-पाठ और व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 कब है?

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मार्गशीर्ष अमावस्या इस वर्ष 1 दिसंबर 2024, रविवार को पड़ रही है।

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कृष्ण पक्ष अमावस्या आरंभ: 30 नवंबर सुबह 10:29 बजे।

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अमावस्या समाप्त: 1 दिसंबर सुबह 11:50 बजे।

शुभ मुहूर्त:-

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ब्रह्म मुहूर्त: 05:08 से 06:02।

प्रातः संध्या: 05:35 से 06:57।

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अभिजित मुहूर्त: 11:49 से 12:31।

विजय मुहूर्त: 01:55 से 02:37।

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गोधूलि मुहूर्त: 05:21 से 05:48।

सायाह्न संध्या: 05:24 से 06:45।

निशिता मुहूर्त: 11:43 से 12:38।

मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व:-

पितरों की तृप्ति: इस दिन पितरों का तर्पण और दान करना उनके आशीर्वाद के लिए शुभ माना जाता है।

भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की आराधना से परिवार में सुख-शांति आती है।

शिव उपासना: भगवान शिव की पूजा से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।

चंद्रमा का प्रभाव: शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पूजा विधि:-

1. स्नान और शुद्धिकरण:

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें।

नदी उपलब्ध न हो, तो गंगाजल मिले पानी से स्नान करें।

2. दीप प्रज्वलन और अर्घ्य:

घर के मंदिर में दीप जलाएं।

सूर्यदेव को अर्घ्य दें।

3. व्रत और ध्यान:

अगर संभव हो, तो व्रत रखें।

भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनका सहस्रनाम पाठ करें।

4. पितरों का तर्पण:

पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें।

दान और भोजन वितरण करें।

5. शिवलिंग की पूजा:

शिवलिंग पर दूध, दही और जल अर्पित करें।

“ऊं नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

मार्गशीर्ष अमावस्या पर दान का महत्व

इस दिन दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।

गाय को चारा और गरीबों को भोजन खिलाना अति शुभ है।

उपवास और पूजा के लाभ:-

पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

मानसिक शांति और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

भगवान शिव और विष्णु की कृपा से परिवार में खुशहाली आती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन श्रद्धा, भक्ति और सेवा का प्रतीक है। इस दिन किए गए शुभ कर्मों का प्रभाव जीवन को सफल और समृद्ध बनाता है।

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Bharti Sharma
Sub Editor
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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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