Tulsi-तुलसी को हिंदू धर्म में देवी माना जाता है और इनकी पूजा की जाती है। तुलसी में माता लक्ष्मी विराजमान रहती हैं। इसलिए इनकी हर त्यौहार पर पूजा की जाती है। तुलसी के पत्तों से भगवान को भोग लगाया जाता है। तुलसी के पत्तों का प्रयोग चाय में डालने के लिए या फिर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। तुलसी के पत्तों को कभी भी बिना वजह नहीं तोड़ना चाहिए। आइए जान लेते हैं तुलसी के पत्तों को तोड़ने से जुड़े नियमों के बारे में।
कब नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी का पत्ता?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक कुछ ऐसे अवसर आते हैं जिनके दौरान आप को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। रविवार और एकादशी के दिन आपको तुलसी (Tulsi) के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। सूर्य अस्त होने के बाद और अमावस्या के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। जब घर में किसी की मृत्यु हो जाती है या फिर कोई बच्चा पैदा होता है तो उस स्थिति में भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए। सूतक खत्म होने के बाद ही तुलसी के पत्तों को तोड़ना चाहिए।
किस प्रकार तोड़ने हैं तुलसी के पत्ते?(Tulsi Leaves )
आपको कभी भी तुलसी का पत्ता तोड़ते समय नाखून का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप को पैसों की हानि हो सकती है। इसलिए आप को केवल उंगलियों द्वारा पत्ता तोड़ना चाहिए।
Tulsi Plant : तुलसी का पौधा देता है ये शुभ-अशुभ संकेत
- नहाने के बाद : ऐसा माना जाता है की बिना नहाए तुलसी के पत्तों को तोड़ने से आप पाप के भागीदार बन सकते हैं इसलिए हमेशा नहाने के बाद ही आप को तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए।
- बिना कारण न तोड़ें : आपको कभी भी बिना किसी कारण के तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए। केवल स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए या भगवान को भोग लगाने के लिए ही पत्ते को तोड़ना चाहिए।
- मंत्रों का जाप करें : तुलसी के पत्तों को तोड़ने के समय आप चाहें तो कुछ शुभ मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।