Vaishnav Aja Ekadshi-भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वैष्णव अजा एकादशी कहा जाता है। यह तिथि अगस्त से सितंबर के महीने में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन भगत जन बिना कुछ खाए और पिए पूरी श्रद्धा से काफी सख्त व्रत का संकल्प करते हैं। इस दिन आप को अपने आप को नकारात्मक विचारों से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। इस दिन वैदिक मंत्रों का उच्चारण करना भी काफी अच्छा माना जाता है। इस दिन भक्त जन रात को सोने की बजाए भजन कीर्तन करते हैं। आइए जान लेते हैं इस एकादशी के महत्त्व के बारे में।
वैष्णव अजा एकादशी महत्त्व (Vaishnav Aja Ekadshi importance)
इस साल वैष्णव एकादशी नहीं है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना की जाती है। ऐसा माना जाता है की जो लोग इस दिन व्रत करते हैं उन्हें अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष प्राप्त करने में भी मदद मिलती है। बहुत सारी धार्मिक किताबों में इस एकादशी के बारे में बताया गया है। (Vaishnav Aja Ekadshi) इस दिन भगवान विष्णु को फल, फूल, तुलसी के पत्ते और धूप आदि जरूर अर्पित करनी चाहिए। इस दिन रात में सोने की बजाए आप को भगवान का नाम लेना चाहिए और भजन कीर्तन में लीन रहना चाहिए।
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इस दिन गरीबों और पुजारियों को पूजने से भी आपको काफी पुण्य मिलता है इसलिए इस दिन दान पुण्य जरूर करने चाहिए। इस दिन पूजा करने के लिए आप को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए और साथ ही इनकी मूर्ति के साथ कलश की भी स्थापना करनी चाहिए। (Vaishnav Aja Ekadshi) इस व्रत को रखने से आप का मन और तन दोनों ही शुद्ध होते हैं और आप को नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है। अगर आप जन्म मरण के इस चक्र से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आप को इस व्रत को जरूर करना चाहिए।
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