Lok Sabha Speaker Election: आजाद भारत में 1976 के बाद पहली बार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव (First Lok Sabha Speaker Election) होने जा रहा है। NDA के उम्मीदवार हैं ओम बिरला (Om Birla) और इंडिया गठबंधन की ओर से के सुरेश (K Suresh) लोकसभा स्पीकर के लिए उम्मीदवार हैं।
आइए जानें कि ये लोकसभा स्पीकर का चुनाव कैसे होता है?
लोकसभा अध्यक्ष को लेकर क्यों बिगड़ी बात?
ये माना जा रहा था कि इस बार भी पक्ष और विपक्ष की सहमति से अध्यक्ष को चुन लिया जाएगा। हालांकि, विपक्ष की ओर से ओम बिरला को बतौर अध्यक्ष सहमति मिल रही थी। मगर सत्तादल यानी NDA सरकार की ओर से उपाध्यक्ष पद को लेकर बात नहीं बनी। क्योंकि, विपक्ष चाह रहा था कि अध्यक्ष एनडीए का और उपाध्यक्ष इंडिया गठबंधन का हो। इसलिए बात बिगड़ गई और अब लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है।
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के सुरेश कौन हैं (Who Is K Suresh)
कांग्रेस सांसद के सुरेश को विपक्ष की ओर से लोकसभा स्पीकर का उम्मीदवार बनाया गया है। के सुरेश कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य और केरल के मवेलिककारा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। इनका पूरा नाम कोडिकुनिल सुरेश है।
आठवीं बार के सांसद हैं कोडिकुनिल सुरेश। इस बार मवेलिककारा से चौथी बार बतौर सांसद चुने गए हैं। इनके सालों के अनुभव के लिहाज से वे सदन में सबसे वरिष्ठ हैं।
देश में पहली बार होने जा रहा Lok Sabha Speaker Election
आजतक लोकसभा अध्यक्ष को लेकर पक्ष और विपक्ष मान जाता था और उसी आधार पर चलता आ रहा था। मगर, इस बार लोकसभा अध्यक्ष को लेकर बात नहीं बनी और आजाद भारत में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है।
लोकसभा स्पीकर का चुनाव कैसे होता है?
- लोकसभा स्पीकर का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार किया जाता है।
- सांसद अपने में से दो सांसदों को सभापति और उप-सभापति के रूप में चुनते हैं।
- सदस्यों को इस लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पूर्व उम्मीदवारों को समर्थन का नोटिस जमा करना होता है।
- स्पीकर पद के चुनाव के दिन, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव साधारण बहुमत के जरिए होता है। जिस स्पीकर पद के उम्मीदवार को चुनाव के दिन लोकसभा में मौजूद आधे से अधिक सांसद वोट देते हैं, वह लोकसभा अध्यक्ष बन जाता है।
जान लें, स्वतंत्र भारत में लोकसभा स्पीकर पद के लिए तीन बार 1952, 1967 और 1976 में चुनाव हुए। अब 2024 में चौथी बार स्पीकर का चुनाव होने जा रहा है।