Rajasthan High Court: राजस्थान उच्च न्यायालय ने मसालों, घी या अन्य फूड्स में मिलावट (Adulteration in Foods) को लेकर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को कठोर एक्शन लेने की बात कही है। ऐसे में राज्य में मिलावट करने वालों की अब खैर नहीं।
सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट का कामकाज शुरू हो चुका है। कोर्ट शुरू होते ही सोमवार को हाईकोर्ट ने खाने-पीने की चीजों में मिलावट पर गंभीर चिंता जताई है। साथ ही कहा है कि खान-पान की चीजों में मिलावट बेहद खतरनाक है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 पर्याप्त नहीं
उच्च न्यायालय ने साफ तौर पर कहा है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 इसे रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसको लेकर बताया गया है कि ये कानून असंगठित क्षेत्र और हॉकर्स आदि पर लागू नहीं होता है। ये सिर्फ प्रोसेसिंग पर लागू होता है। ये भी उम्मीद है कि इस कानून को लेकर बदलाव किए जाएं।
खतरनाक बीमारियों का घर है मिलावटी फूड्स
हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। मिलावट की वजह से किडनी, ह्रदय और लीवर आदि अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। मिलावट और घटिया फूड समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। साथ ही इससे कैंसर के रोगी भी बढ़ रहे हैं।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान पर की टिप्पणी
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को त्योहार या शादी के सीजन तक ही सीमित ना रखे। इसको लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य और कलेक्टरों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर कमेटियां बनाई जाएं और समय-समय पर मॉनिटरिंग हो।