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Water Crisis In Rajasthan: पानी की किल्लत पैदा कर रहा नई दिक्कतें, बढ़ रही कुंवारों की संख्या, कोई जान देने को तैयार…

Water Crisis In Rajasthan: इन दिनों राजस्थान में पानी की किल्लत (Water Problem In Rajasthan) के कारण यहां के लोगों का हाल बेहाल है। राजस्थान भयंकर गर्मी (Rajasthan Extreme Heatwave) की मार और पानी की किल्लत की दोहरी मार झेल रहा है। पानी की किल्लत की कहानी (Explainer Water Crisis In Rajasthan) नई नहीं लेकिन इससे अब राजस्थान में नई समस्याएं भी बढ़ती दिख रही हैं।

Ravi Kumar
Written by: Ravi Kumar - News Editor (Consultant)
8 Min Read

Water Crisis In Rajasthan: राजस्थान में पानी लाती महिलाओं की तस्वीरें भले इंटरनेट पर प्यारी लगती हों लेकिन उस तस्वीर की असल कहानी भयावह है। भयावह इस कदर कि सुनकर गला सूख जाए, जैसे इन दिनों राजस्थान में पानी की किल्लत (Water Problem In Rajasthan) के कारण यहां के लोगों का हाल है। राजस्थान भयंकर गर्मी (Rajasthan Extreme Heatwave) की मार और पानी की किल्लत की दोहरी मार झेल रहा है। पानी की किल्लत की कहानी (Explainer Water Crisis In Rajasthan) नई नहीं लेकिन इससे अब राजस्थान में नई समस्याएं भी बढ़ती दिख रही हैं।

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देखिए ये पानी कैसे खा रहा युवाओं की जवानी, महिलाओं की बढ़ा रहा है परेशानी और भी ना जाने किस-किस तरह की दिक्कतों को जन्म दे रहा है। शायद ये सुनकर आपको अटपटा लगे लेकिन सत्य यही है कि पानी की किल्लत राजस्थान में नई समस्याओं को जन्म दे रहा है। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो ये सामाजिक परेशानी चुनौती बन सकती है।

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पानी किल्लत से बढ़ती सामाजिक समस्याएं

Water Crisis In Rajasthan

1. महिलाओं के लिए शारीरिक चुनौती
2. शादी नहीं होने की समस्या
3. टूट रही हैं शादियां
4. विरान हो रहे हैं गांव
5. सुसाइड करने तक को तैयार
6. गरीबों की पहुंच से दूर होता पानी

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पानी के लिए 14,000 km चलती हैं महिलाएं

Water Crisis In Rajasthan women health

इंडिया वॉटर पोर्ट्ल की एक रिपोर्ट (18 अप्रैल 2016 को प्रकाशित), इसके अनुसार, राजस्थान की एक ग्रामीण औरत हर साल 14 हजार किलोमीटर सिर्फ पानी लाने के चक्कर में पैदल चल देती है। जबकि, शहरी राजस्थानी औरत के लिए ये समस्या नहीं है। सोचिए, इससे महिलाओं के हेल्थ पर कितना प्रभाव पड़ रहा होगा।

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महिलाओं का हो जाता है गर्भपात

इतना ही नहीं, महिलाओं के जी का जंजाल है ये पानी का किल्लत। कई बार गर्भवती महिलाओं को पानी लाने के लिए बच्चे का बलिदान देना पड़ता है। क्योंकि, कई ऐसे केस आए हैं जिनमें देखने को मिलता है कि पानी लाने के चक्कर में महिलाओं को गर्भपात हो जाता है। क्या आप इस पीड़ा का महसूस कर सकते हैं?

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पानी की किल्लत, कोई ब्याहना नहीं चाहता बेटी

marriage issues in rajasthan

पानी की किल्लत के कारण महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसका जीता जागता उदाहरण आप देख सकते हैं। अलवर के रायपुर मेवान गांव में अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता है। राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट की मानें तो इस गांव में 50 कुंवारों की शादी नहीं हो रही है। साथ ही 2 की पत्नियां छोड़कर चली गईं हैं।

रायपुर मेवान गांव से पलायन कर रहे लोग

migration in rajasthan

अलवर के रायपुर मेवान गांव में ताले लटकते घर इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बिना पानी के जीवन जीना संभव नहीं है। यहां पर करीब 65 घरों में ताले लगे हैं। लोग घरों को छोड़कर कहीं और चले गए हैं। ये गांव विरान होते जा रहा है।

गरीब कहां से पिएगा पानी?

rajasthan me pani ka hisab

पानी को लेकर ये खबर भी आ रही है कि बाड़मेर जिला में पानी का हिसाब किताब होता है। यहां पर घी और सोने से अधिक महंगा है पानी। इससे ये समझिए कि ऐसे में एक गरीब परिवार के लिए पानी लेना कितना बड़ा काम है। ये भी एक प्रकार की सामाजिक परेशानी है जो पानी की किल्लत ने खड़ी कर दी है। खासकर, जिस राजस्थान में दलितों को मारने-पीटने की अधिक खबर आती है सोचिए वो लोग कैसे इन स्थानों से पानी भर पाते होंगे या नहीं?

पानी के लिए सुसाइड की धमकी

अलवर की ये खबर भी है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, अलवर में पानी किल्लत से तंग आकर यहां पर महिलाओं और पुरुषों ने विभाग को सुसाइड करने की धमकी तक दे दी है। आप सोचिए, बात कहां तक जा पहुंची है कि लोग पानी के लिए खुद को मारने तक तैयार हो रहे हैं। ये संकेत राजस्थान के लिए सही नहीं हैं।

2025 तक केपटाउन बनने की कगार पर ये जिले

rajasthan will be cape town by next year

केंद्रीय भू जल बोर्ड व राजस्थान के भूजल विभाग की डायनामिक ग्राउंड वाटर रिसोर्स रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक जयपुर अजमेर, जैसलमेर और जोधपुर में पानी की उपलब्धता का आकलन शून्य किया गया है। यहां पर पानी पूरी तरह खत्म हो सकता है।

राजस्थान की सरकार क्या कर रही है?

राजस्थान की सरकार ने गर्मी आने से पहले प्रदेश के अलग अलग जिलों में ट्यूबवेल के लिए 175 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। जिला कलेक्टरों को पेयजल की किल्लत वाले स्थानों पर ट्यूबवेल लगाने की जिम्मेदारी दी गई लेकिन, दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान भर में 1500 ट्यूबवेल खोद डाले और उनपर 70 करोड़ रुपए खर्च भी कर दिए लेकिन बिलजी कनेक्शन नहीं होने से लोग अब भी प्यासे ही हैं।

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भूजलस्तर लगातार घट रहा है

2018 की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल प्रदेश का जलस्तर लगातार घट रहा है, जो बढ़कर 167 मीटर की गहराई तक पहुंच गया है। इस साल ये करीब 200 तक पहुंच चुका है। इस कारण भी पानी राजस्थान के लोगों के पहुंच से बाहर होते जा रहा है।

बारिश कम होने के कारण भी बढ़ रही समस्या

राजस्थान का जलस्तर बारिश पर काफी हद तक निर्भर करता है। हर साल बारिश और अन्य स्रोतों से जितना पानी रिचार्ज होता है, उससे 5.49 बिलियन क्यूबिक मीटर ज्यादा पानी इस्तेमाल हो रहा है। यानी भविष्य की बचत को आज ही खर्च किया जा रहा है। पिछले साल भी काफी कम बारिश हुई जिसके कारण इस साल अधिक पानी की किल्लत हो रही है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो पानी की किल्लत राजस्थान में हर साल गर्मी के समय देखने को मिल रही है। इसके लिए सरकारी काम जो हो रहे हैं उसके परिणाम सबके सामने हैं। मगर इस पानी की कमी ने राजस्थान के सामने कई और समस्याएं खड़ी कर दी हैं। अगर पानी की किल्लत दूर नहीं होती है तो समय के साथ ये समस्याएं और विकराल रूप ले सकती हैं।

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