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Special Report: जो कोख से लड़कर दुनिया में आई हैं, वो बेटियां शोकपत्र बांटने से नहीं मरतीं

Rajasthan Inter Caste Marriage: "बुरी खबर है, बेटी हुई है...", "लड़की हाथ से निकल रही है...", ये बातें लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता को दिखाती है। जिस राजस्थान के बोर्ड रिजल्ट में लड़कियों की वाहवाही हो रही है उसी बीच ये खबर आती है कि उदयपुर के एक पिता ने इंटरकास्ट मैरिज करने पर बेटी (मनीषा) के नाम का शोकपत्र बांटा, मृत्युभोज किया और उसे हमेशा के लिए रिश्ते के तौर पर मार डाला।

Ravi Kumar
Written by: Ravi Kumar - News Editor (Consultant)
8 Min Read

Rajasthan Inter Caste Marriage: “बुरी खबर है, बेटी हुई है…”, “लड़की हाथ से निकल रही है…”, ये बातें लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता को दिखाती है। जिस राजस्थान के बोर्ड रिजल्ट में लड़कियों की वाहवाही हो रही है उसी बीच ये खबर आती है कि उदयपुर के एक पिता ने इंटरकास्ट मैरिज करने पर बेटी (मनीषा) के नाम का शोकपत्र बांटा, मृत्युभोज किया और उसे हमेशा के लिए रिश्ते के तौर पर मार डाला। फिर भी मनीषा डरी नहीं और अपने पसंद की शादी पर राजी रही। हालांकि, प्रेम विवाह कर रहे कपल के लिए ये कोई नया ट्रेंड नहीं है।

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ऐसी घटनाएं पिछले कुछ साल में अधिक देखने को मिल रही हैं। वहीं, एक तरफ राजस्थान की सरकार अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख तक का आर्थिक मदद कर रही है। इस हालिया घटना कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं जिनको हम तथ्यों के साथ समझने की कोशिश करेंगे।

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पिछले साल (2023) मध्य प्रदेश से ऐसी खबर आई

मध्य प्रदेश के जबलपुर की बात है। अनामिका दुबे नामक लड़की ने गैर-धर्म के लड़के से शादी की और उसके बाद परिवार ने बेटी के नाम का शोक पत्र बांट दिया। फिर भी बेटी ने शादी को बरकरार रखा और इस खोखले डर को अपने ऊपर हावी ना होने दिया।

anamika dubey

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प्रमुख सवाल- क्या ऑनर किलिंग नहीं कर पाते इसलिए करते हैं मृत्युभोज?

प्रेम विवाह करने वालों को कैसे मौत के घाट उतारा जाता है, ये हम देखते हैं। कहीं ना कहीं ऐसे कपल जो पुलिस या कानून की शरण में चले जाते हैं उनका ये लोग मृत्युभोज करते हैं। इस तरह की घटनाएं ये बताती हैं हमारे समाज में आज भी लड़कियों को लेकर मानसिकता नहीं बदली है। इसी मानसिकता की देन है कि हमारे देश में देखिए ऑनर किलिंग के मामले बढ़ रहे हैं-

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एनसीआरबी के अनुसार, ऑनर किलिंग (भारत) में साल 2019- 25 मामले, 2020- 25 मामले और 2021- 33 मामले देखने को मिले।

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अब हम 5 साल (2017-21) में राजस्थान और भारत में ऑनर किलिंग के आंकड़ों को देखते हैं तो कुल राज्य- 192 मामले और राजस्थान- 4 मामले देखने को मिलते हैं। ये आंकड़ा गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने जारी किया है।

Rajasthan Honor Killing

प्रमुख सवाल- प्रेम विवाह तो लड़का-लड़की दोनों करते हैं। सिर्फ लड़की के नाम पर मृत्युभोज क्यों होता है? कहीं ना कहीं इसी मानसिकता के कारण लड़कियों को कोख में मारा जाता है।

कोख से बची लड़कियों को मारने की ये नई परंपरा है?

हमारे देश में राजस्थान, यूपी, बिहार आदि टॉप राज्य हैं, जहां पर भ्रूण हत्या के मामले अधिक होते हैं। यहां पर बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता है। अब जो बेटियां कोख में बच जाती हैं उनको इस नए ट्रेंड से मारा जा रहा है।

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देखिए, बेटियों के प्रति इस तरह की मानसिकता धरती पर आने से पहले बेटियों की कोख में हत्या की गवाही देती है। साल 1970-2020: 4.6 करोड़ बच्चियों को कोख में मारा गया और साल 2013-2017- 4.60 लाख बच्चियों को कोख में मारा गया।

राजस्थान में अंतरजातीय विवाह के आंकड़ों को देखिए-

राजस्थान में अंतरजातीय विवाह के आंकड़े बता रहे हैं कि सरकार के पहले से शादियां हो रही हैं। मगर ये आंकड़ा बहुत कम है। इसके काम होने कारण ये भी हो सकता है कि कई लड़के-लड़कियां इस तरह के ट्रेंड से डरकर शादी ना करते हों।

लेकिन मनीषा, अनामिका जैसे लड़कियां ये साबित कर रही हैं कि हम डरने वालों में से नहीं। तभी तो इंटरकास्ट मैरिज के आंकड़े कम ही सही लेकिन बढ़ रहे हैं और कथित मृत्युभोज करने वालों के लिए ये करारा तमाचा है।

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सोशल स्कीम के तहत राजस्थान में इंटरकास्ट मैरिज साल 2018-19: 4 शादियां, 2019-20: 6 शादियां, 2020-21- 1 शादियां। इस तरह से कुल शादियां- 11 तीन साल में हुईं।

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सोशल स्कीम के तहत भारत में इंटरकास्ट मैरिज की बात करें तो साल 2018-19: 120 शादियां, 2019-20: 248 शादियां और साल 2020-21- 353 शादियां।

राजस्थान की सरकार 10 लाख दे रही आर्थिक मदद

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2023-24 में डॉ. सविता बेन इंटर कास्ट मैरिज स्कीम के तहत राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया। मगर आज भी राजस्थान में इस तरह की घटना देखने को मिल रही है।

inter caste marriage scheme Rajasthan

ऐसे में इस राशि का क्या फायदा कैसे अधिक से अधिक इस तरह के कपल उठा पाएंगे। क्योंकि इस तरह की खबरें डर बढ़ाने का काम करती हैं। इसलिए सरकार को इस तरह के ट्रेंड को भी रोकना चाहिए। बता दें, ये राशि 50 हजार से बढ़कर 5 लाख और फिर 10 लाख तक पहुंची है। जिसमें 75 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और 25 प्रतिशत केंद्र सरकार का योगदान रहता है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट 2023-24 में डॉ. सविता बेन इंटर कास्ट मैरिज स्कीम 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की राशि कर दिए। जबकि, साल 2006 में 50 हजार रुपए और 2013 में 5 लाख रुपए दिए जाते थे।

सीएम भजनलाल की सरकार भी लव मैरिज के सपोर्ट में

इस तरह के मामलों से कपल्स डरे नहीं और शादी कर पाएं, इसलिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने भी ऐसे कपल की कानूनी मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि इस तरह के पीड़ित कपल को मदद मिल पाए।

राजस्थान में लव मैरिज करने वालों के लिए हेल्पलाइन

अगर आपको लव मैरिज करने में कोई डरा या धमका रहा है तो आप राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 8764871150 या उनके मोबाइल नम्बर 9413179228 एवं सहायक नोडल अधिकारी नवीता खोखर से मोबाइल से 9468952828 सम्पर्क कर सकते हैं। यहां पर आपको मदद मिलेगी।

इस तरह से कुल मिलाकर देखा जाए तो आज की लड़कियां दकियानूसी समाज की दिवार को लांघ रही हैं। ये संख्या कम है लेकिन बढ़ती दिख रही है। समय के साथ कानून भी बदला, कानूनी मदद मिल रही है, सरकार लाखों रुपए की आर्थिक मदद दे रही है ताकि अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा मिले। ये सबकुछ बदला है इन लड़कियों के हिम्मत के कारण।

इसलिए ये तमाम लड़कियां कह रही हैं- “जो कोख से लड़कर दुनिया में आई हैं, वो बेटियां शोकपत्र बांटने से नहीं मरती हैं”

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