Rajasthan Electricity: राजस्थान में बिजली को लेकर संकट मंडराता दिख रहा है। बिजली विभाग के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में आमजन के लिए मुसीबत की बात ये है कि गर्मी में वो बिना बिजली के कैसे गुजारा करेंगे। क्योंकि, पिछले कुछ दिनों में राजस्थान में बिजली की खपत तेजी से बढ़ रही है। वहीं, बिजली विभाग खपत पूरी करने में असमर्थ दिख रहा है।
जबकि, भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की एक रिपोर्ट में राजस्थान को सौर ऊर्जा में नंबर 1 बताया गया है। फिर भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है तो किसे जिम्मेवार ठहराया जाए? हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर कैसे राजस्थान का बिजली विभाग बड़े संकट की ओर बढ़ रहा है। साथ ही ये भी जानेंगे कि भाजपा की भजनलाल सरकार जनता के लिए बिजली का पूर्ति करने की क्या प्लानिंग कर रही है?
राजस्थान में बढी बिजली की खपत
ये तो हम जानते हैं कि गर्मी के दिनों में पंखे, एसी और कूलर के कारण बिजली खपत बढ़ जाती है। राजस्थान पत्रिका की खबर के मुताबिक, पिछले पन्द्रह दिन में 300 लाख यूनिट बिजली की मांग बढ़ी है। इस हिसाब से देखा जाए तो अगले एक से डेढ़ माह में 3,500 लाख यूनिट तक पहुंचने की संभावना दिख रही है। मगर इस बिजली की पूर्ति राजस्थान का बिजली विभाग कैसे करेगा?
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डिस्कॉम्स और ऊर्जा विकास निगम उधारी के भरोसे
राजस्थान में बिजली पूर्ति करने की जिम्मेदारी डिस्कॉम्स और ऊर्जा विकास निगम के पास है। चलिए इस बात को समझिए कि ये विभाग किस तरह से बिजली ऊर्जा की पूर्ति करेगा। मीडिया रिपॉर्ट्स की मानें तो राजस्थान दूसरे पड़ोसी राज्यों से शॉर्ट टर्म बिड पर बिजली खरीदने की सोच रहा है। कहा जा रहा है कि इसके लिए उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बातचीत हो रही है। चूंकि, उत्तर प्रदेश खुद ही बिजली संकट से जूझ रहा है। दैनिक जागरण की ये रिपोर्ट बताती है कि यूपी के 11 बिजली घर बंद होने के कगार पर हैं जिससे करीब 10 लाख लोग बिजली संकट से जूझ सकते हैं।
घाटे में डूबा है राजस्थान का बिजली विभाग
एक बार को ये भी मान लें कि किसी राज्य से राजस्थान में बिजली खरीद ली जाए। मगर इन राज्यों को पैसा कहां से दिया जाएगा? क्योंकि, राजस्थान का बिजली विभाग लगातार घाटे से जूझ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022-23 में राजस्थान में बिजली का घाटा 8824.43 करोड़ रुपए का था। इसका कारण ये बताया जा रहा है कि पिछली गहलोत सरकार ने राज्य में मुफ्त बिजली देकर विभाग को घाटा में रखा था।
आम जनता की बढ़ने वाली है परेशानी
जब राजस्थान बिजली का घाटा देखते हैं तो कहीं ना कहीं ये सवाल आता है कि राज्य सरकार बिजली बिल बढ़ाकर इस घाटे को पूरा करेगी। साथ ही संभावना है कि मुफ्त बिजली को भी बंद कर दिया जाए। क्योंकि, बिजली विभाग घाटा को पूरा करने के बाद ही बिजली खरीद कर सकता है। साथ ही जनता के बिजली पूर्ति को पूरा किया जा सकता है। मगर देखना ये है कि बिजली की पूर्ति के लिए भजनलाल सरकार क्या कदम उठाती है?
सौर ऊर्जा में नंबर 1 राजस्थान
भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की एक रिपोर्ट में राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में 7737.95 मेगावाट सौर ऊर्जा के साथ नंबर 1 पर है। इससे पहले कर्नाटक पहले पायदान पर था। अगर सौर ऊर्जा को लेकर सरकार और आगे बढ़ाने की सोचे तो बिजली की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।