Alert for Mobile Users: भारत सरकार ने एक बार फिर डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 119 मोबाइल ऐप्स को प्रतिबंधित (बैन) कर दिया है। इन ऐप्स में वीडियो चैट, सोशल मीडिया और गेमिंग ऐप्स शामिल हैं, जिनका संचालन विदेशी कंपनियों द्वारा किया जा रहा था। सरकार ने इन ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के लिए खतरा बताते हुए बैन करने का फैसला लिया है।
यदि आपके स्मार्टफोन में ये बैन किए गए ऐप्स मौजूद हैं, तो उन्हें तुरंत डिलीट कर दें। सरकार ने गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर को इन ऐप्स को हटाने का निर्देश दिया है, जिससे नए यूजर्स इन्हें डाउनलोड न कर सकें।
प्रतिबंधित ऐप्स क्यों हैं खतरनाक?
सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इन ऐप्स से कई तरह के साइबर सुरक्षा खतरे उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे कि:
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- डेटा चोरी: ये ऐप्स उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी, जैसे कि संदेश, फोटो, वीडियो और लोकेशन एक्सेस कर सकते हैं।
- जासूसी: उपयोगकर्ता की निजी जानकारी को अवैध रूप से इकट्ठा कर इसे विदेशी सर्वरों पर भेजा जा सकता है।
- साइबर हमले: इन ऐप्स का इस्तेमाल साइबर हमलों के लिए किया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- मैलवेयर और वायरस का खतरा: कुछ प्रतिबंधित ऐप्स में मैलवेयर या वायरस हो सकते हैं, जो फोन को धीमा कर सकते हैं या अन्य हानिकारक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
किन देशों से हो रहे थे ये ऐप्स संचालित?
सरकार के अनुसार, इन प्रतिबंधित ऐप्स का संचालन चीन, हांगकांग, सिंगापुर, अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से हो रहा था। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि इनमें से कई ऐप्स का डेटा चीन तक पहुंच रहा था, जिससे भारत की साइबर सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता था।
कौन-कौन से ऐप्स हुए बैन?
- चिलचैट (ChillChat): एक वीडियो चैट और गेमिंग ऐप, जो सिंगापुर की एक कंपनी द्वारा विकसित किया गया था।
- चांगऐप (ChangApp): चीन में बना एक सोशल मीडिया ऐप।
- हनीकैम (HoneyCam): ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी द्वारा विकसित फोटो और वीडियो ऐप।
हालांकि ये ऐप्स अलग-अलग देशों की कंपनियों द्वारा बनाए गए हैं, लेकिन सरकार को आशंका थी कि इनका डेटा चीन तक पहुंच रहा था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता था।
पहले भी लगाए जा चुके हैं बैन
यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले 2020 में भी सरकार ने टिकटॉक, शेयरइट, यूसी ब्राउज़र जैसे कई पॉपुलर ऐप्स को बैन किया था। तब भी सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के उल्लंघन का हवाला दिया गया था।
यूजर्स को क्या करना चाहिए?
अगर आपके स्मार्टफोन में इन प्रतिबंधित ऐप्स में से कोई भी ऐप मौजूद है, तो तुरंत इसे हटा दें। इसके अलावा, निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही ऐप डाउनलोड करें, जैसे कि Google Play Store या Apple App Store।
किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी समीक्षा (Review) और अनुमति (Permissions) की जांच करें।
अपनी निजी जानकारी (Personal Data) को सुरक्षित रखें और ऐप्स को अनावश्यक अनुमतियां न दें।
फोन को नियमित रूप से स्कैन करें और साइबर सुरक्षा से जुड़े अपडेट्स को इंस्टॉल करें।