Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार सुबह लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। 3 फरवरी को ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया था, जहां वे इलाज के दौरान गंभीर स्थिति में थे। उनके निधन ने अयोध्या और संपूर्ण सनातन समाज को एक गहरी क्षति पहुंचाई है।
34 वर्षों की सेवा के बाद रामलला के पुजारी का सफर खत्म
आचार्य सत्येंद्र दास का जीवन रामलला की सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने लगभग 34 वर्षों तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में सेवा की और मंदिर के धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न किया। उनके योगदान को अयोध्या के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के दौरान, जब रामलला की मूर्तियाँ संकट में थीं, तो आचार्य दास ने रामलला की मूर्तियों को अपनी गोदी में उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। यह घटना उनके अदम्य साहस और रामलला के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक बनी।
कब लिया था आचार्य सत्येंद्र दास ने संन्यास
आचार्य सत्येंद्र दास का जन्म 20 मई 1945 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में हुआ था। उनका बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्तियों की ओर रुझान था। उन्होंने 1958 में संन्यास लिया और जीवनभर श्रीराम की भक्ति और सेवा में समर्पित रहे। संस्कृत में आचार्य की उपाधि प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक शिक्षक के रूप में कार्य किया। 1 मार्च 1992 को उन्हें राम जन्मभूमि के प्रमुख पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया और तब से लेकर उनकी मृत्यु तक, उन्होंने अपनी निष्ठा से मंदिर की सेवा की।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “आचार्य सत्येंद्र दास का निधन आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
नए पुजारी की होगी नियुक्ति
आचार्य दास के निधन के बाद, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा नए प्रमुख पुजारी की नियुक्ति की जाएगी। राम मंदिर में अब 24 से अधिक पुजारी हैं जो विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन कर रहे हैं।
उनका अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अयोध्या में सरयू नदी के तट पर होगी। आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर उनके आश्रम सत्य धाम गोपाल मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां उनके भक्त उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
आचार्य सत्येंद्र दास का जीवन, रामलला के प्रति उनकी श्रद्धा और सेवा को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से अयोध्या और समूचे सनातन समाज में शोक की लहर है।