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CBSE Big Action: ‘स्कूल के नाम पर कोचिंग की पढ़ाई’, सीकर-कोटा की कई बड़ी स्कूलों पर गिर सकती है गाज! एक्शन में सरकार

CBSE Big Action: 11वीं और 12वीं कक्षा में डमी एडमिशन का प्रचलन काफी बढ़ गया है। कोटा, सीकर, जयपुर में ऐसे स्कूलों की संख्या अधिक है, जहां डमी प्रवेश लिए जाते हैं। इतना ही नहीं, डमी प्रवेश के नाम पर अभिभावकों से दोगुना फीस चार्ज की जाती है।

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Written by: FM Sikar
5 Min Read

CBSE Big Action: राजस्थान में कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं की स्कूली पढ़ाई के नाम पर बच्चों को कोचिंग की तैयारी करवाने वाले स्कूलों पर अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) कड़े एक्शन के मूड में है। हाल ही में सीबीएसई ने सीकर और कोटा की पांच निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी थी। जिसके बाद से ही स्कूल संचालकों और अभिभावकों में हड़कंप मचा हुआ है। सीकर की जिन दो स्कूलों की मान्यता रद्द की गई हैं, वे नामी व सीबीएसई से संबद्ध बड़ी स्कूले थी। उधर, इन स्कूलों ने भी मान्यता रद्द के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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बताया जा रहा है कि सीबीएसई ने दिल्ली और राजस्थान में ऐसे अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण शुरू कर दिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जयपुर, सीकर व कोटा की अन्य कई बड़ी स्कूलें भी सीबीएसई के रडार पर हैं। जल्द ही सीबीएसई की ओर से ऐसी स्कूलों की सूची जारी की जाएगी।

समझें पूरा मामला

दरअसल, जयपुर, कोटा, सीकर, जोधपुर समेत राज्य भर में ऐसे कई स्कूलें हैं, जो बच्चों को 10वीं के बाद इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग करवाती है। ऐसे में उनका अधिकतर समय स्कूल की बजाय कोचिंग में ही चला जाता है। जिस कारण बच्चों की स्कूल की पढ़ाई नाम मात्र रह जाती हैं। निजी स्कूलों में स्कूली पढ़ाई के नाम पर केवल डमी एडमिशन लिए जाते हैं, बाकि उनको कोचिंग की पढ़ाई करवाई जाती हैं। ऐसे स्कूलों पर अब सीबीएसई ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सीबीएसई प्रदेश की कई स्कूलों की सूची तैयार कर निरीक्षण करने में जुटी है। बताया जा रहा है कि जयपुर, कोटा, सीकर, जोधपुर, उदयपुर सहित राज्यभर के शहरों में ऐसे करीब एक लाख स्टूडेंट हैं।

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शिक्षा मंत्री बोले- जांच करवाएंगे

निजी स्कूलों में डमी एडमिशन के मामले में राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यह गलत है। राज्य में अगर ऐसे और भी स्कूलों में डमी एडमिशन हो रहे हैं तो सीबीएसई के नियमानुसार जांच करवाई जाएगी।

क्या है नियम?

बता दें कि स्कूल में बच्चे की 75 फीसदी उपस्थिति होना अनिवार्य है। ऐसे बच्चों को एग्जाम से वंचित कर दिया जाता है। लेकिन, डमी एडमिशन में बच्चों को प्रवेश तो स्कूली पढ़ाई के लिए किया जाता है, पर उनको इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगा दिया जाता है, जो कि नियमों के खिलाफ है।

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डमी प्रवेश के लिए ही चल रहे कई स्कूल

राज्य में कई ऐसे स्कूल भी खुले हैं जो किराए के भवनों पर संचालित हैं। इन स्कूलों में शिक्षक तक नहीं है न ही कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इन स्कूलों के रिकॉर्ड में बच्चे मिलेंगे लेकिन पढ़ाई नहीं कराई जाती। इन स्कूलों को डमी प्रवेश के लिए ही चलाया जा रहा है।

डमी के लिए दोगुनी फीस लेते

11वीं और 12वीं कक्षा में डमी एडमिशन का प्रचलन काफी बढ़ गया है। कोटा, सीकर, जयपुर में ऐसे स्कूलों की संख्या अधिक है, जहां डमी प्रवेश लिए जाते हैं। इतना ही नहीं, डमी प्रवेश के नाम पर अभिभावकों से दोगुना फीस चार्ज की जाती है। एवज में इसके बच्चों को स्कूल नहीं आने की छूट दी जाती है। कोचिंग संस्थानों की सांठगांठ कर उनको स्कूली की पढ़ाई की बजाय कोचिंग करवाई जाती है।

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सीबीएसई को मिल रही लगातार शिकायतें

राजस्थान में डमी एडमिशन की काफी शिकायतें शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास भी पहुंची है। लेकिन जयपुर सहित किसी भी जिले में बोर्ड और विभाग की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। सीबीएसई की ओर से राज्य के स्कूलों पर की गई कार्रवाई से विभाग और बोर्ड की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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